MP में सबके पास होगा पक्का मकान! चुनाव से पहले CM का ऐलान- सर्वे कराऊंगा और घर बनवाऊंगा, जानें- पूरा प्लान
Madhya Pradesh Elections 2023: सीएम ने अपने संबोधन के दौरान कहा- सभी के पास पक्का मकान हो, इसके लिए सर्वे करवाऊंगा और 'मुख्यमंत्री जन आवास योजना' के अंतर्गत मकान बनवाऊंगा।
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)
Madhya Pradesh Elections 2023: मध्य प्रदेश में सबके पास पक्का मकान हो, इसके लिए राज्य सरकार ने सराहनीय कदम उठाया है। सूबे में मुख्यमंत्री जन आवास योजना लाई जाएगी। यह ऐलान खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने किया है।संबंधित खबरें
शनिवार (19 अगस्त, 2023) को उन्होंने सीहोर में एक कार्यक्र के दौरान कहा- हमारी सरकार मुख्यमंत्री जन आवास योजना लेकर आएगी। स्कीम के तहत उन लोगों को घर दिया जाएगा, जिनके पास पक्का मकान नहीं है और न ही उनके नाम पीएम आवास योजना की लिस्ट हैं।संबंधित खबरें
वैसे, सीएम की ओर से यह घोषणा ऐसे वक्त पर की गई है, जब 230 विधानसभा सीटों वाले सूबे में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं। सियासी जानकारों की मानें तो जनकल्याण और विकास से जुड़े ताबड़तोड़ ऐलान के जरिए मामा के नाम से मशहूर सिंह वोटर्स की बड़ी आबादी को साधना चाहते हैं।संबंधित खबरें
इस बीच, चुनावी तैयारियों के मद्देनजर सूबे में जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए कई राज्यों (गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र से) के भाजपा विधायक शनिवार को राजधानी भोपाल पहुंचे। हर विधायक को प्रदेश की एक-एक विधानसभा सीट आवंटित की जाएगी। पार्टी नेताओं ने बताया कि चार राज्यों के इन भाजपा विधायकों के लिए एक प्रशिक्षण सत्र शनिवार को भोपाल में शुरू हुआ, इसके बाद वे राज्य में अपनी आवंटित विधानसभा सीटों का दौरा शुरू करेंगे।संबंधित खबरें
भगवा दल ने इससे पहले गुरुवार चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले ही राज्य विधानसभा चुनावों के लिए 39 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। लिस्ट में सूबे में सत्तारूढ़ दल ने 2018 में हारी हुई सीटों और 2013 में भी हारी कुछ सीटों पर ध्यान केंद्रित किया है। इनमें तीन पूर्व मंत्रियों समेत 14 ऐसे उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है, जो पिछली बार चुनाव हार गए थे।संबंधित खबरें
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 114 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा 109 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी। कांग्रेस ने निर्दलीय, बसपा और सपा विधायकों के समर्थन से पार्टी के दिग्गज नेता कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई। हालांकि, तत्कालीन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में बगावत के बाद कमलनाथ सरकार 15 महीने बाद गिर गयी थी।संबंधित खबरें
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अभिषेक गुप्ता author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
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