Maha Shivratri 2023 : एमपी के उज्जैन में महाकाल बनेंगे दूल्हा, बाबा का सजेगा दरबार, जानें पूरी रोचक जानकारी

Maha Shivratri 2023 : भोलेनाथ और मां पार्वती के विवाह की मंगल बेला में उज्जयिनी के राजा बाबा महाकाल अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए दो घंटे पहले ही नींद से जाग गए। बता दें कि, महाशिवरात्रि के मौके पर मध्य रात्रि में ही ढाई बजे मंदिर के पट खोले गए। बाबा महाकाल को गुलाबी सेहरा बांधा गया। गर्भगृह को कई क्विंटल फूलों से सजाया गया। इसके पश्चात भक्तों को बाबा के दिव्य दर्शन करवाए गए।

उज्जैन में बाबा महाकाल को महाशिवरात्रि पर सजाया गुलाबी सेहरे से

मुख्य बातें
  • बाबा महाकाल भक्तों को आशीर्वाद देने दो घंटे पहले ही नींद से जागे
  • षोडशोपचार पूजा के बाद बाबा महाकाल को भस्म रमाई गई
  • भोर में साढे चार बजे बाबा महाकाल को गुलाबी सेहरा बांधा गया


Maha Shivratri 2023 : मध्य प्रदेश के उजजैन में प्रसिद्ध ज्योर्तिलिंग महाकालेश्वर मंदिर में गत नौ दिनों से महाशिवरात्रि पर्व की धूम मची हुई है। मगर, आज शनिवार को भोलेनाथ और मां पार्वती के विवाह की मंगल बेला में उज्जयिनी के राजा बाबा महाकाल अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए दो घंटे पहले ही नींद से जाग गए। बता दें कि, महाशिवरात्रि के मौके पर मध्य रात्रि में ही ढाई बजे मंदिर के पट खोले गए व इसके बाद महाकाल की भस्म आरती की शुरूआत की गई। इस वर्ष ऐसा पहली बार किया गया है कि, जिससे सुबह चार बजे से चलित भस्म आरती के दौरान भक्तों ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शन करवाए गए।

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बाबा सजे गुलाबी सेहरे से महाकाल मंदिर के पुजारी पंडित आशीष गुरु के मुताबिक मंदिर के पट खुलते ही सर्व प्रथम कई फलों के रस से बाबा महाकाल का स्नान संपन्न हुआ। इसके बाद षोडशोपचार पूजन खत्म हुआ तो बाबा महाकाल को भस्म रमाई गई। मध्य रात्रि में ढाई बजे से शुरू हुआ पूजा - अर्चना का क्रम भोर में साढे चार बजे तक चला। बाबा महाकाल को गुलाबी सेहरा बांधा गया। गर्भगृह को कई क्विंटल फूलों से सजाया गया। इसके पश्चात भक्तों को बाबा के दिव्य दर्शन करवाए गए। मंदिर के पुजारी के मुताबिक शनिवार को महाशिवरात्रि के मौके पर बाबा का दरबार 44 घंटे तक खुला रहेगा। वहीं बाबा की 4 पहर की पूजा- अर्चना की जाएगी।

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महाशिवरात्रि पर ये होंगे आयोजन शनिवार दोपहर को 12 बजे तहसील की ओर से राजकीय पूजा होगी। इसके बाद दोपहर तीन बजे से शनि प्रदोष की विशेष पूजा और रुद्र पाठ का आयोजन होगा। शाम छह बजे से मध्य प्रदेश के सिंधिया और होलकर राज परिवार द्वारा पूजा की जाएगी। वहीं शाम को साढे सात बजे बाबा महाकाल की नित्य संध्या आरती होगी। इसके बाद अगले आयोजन की कड़ी में रात्रि 11 बजे से महानिशाकाल में महाकाल की महापूजा रातभर की जाएगी। इसके बाद अगले दिन सुबह चार बजे बाबा का सेहरा उतारा जाएगा। दोपहर 12 बजे साल में एक बार होने वाली भस्म आरती होगी। भोग आरती के बाद महाशिवरात्रि उत्सव पूर्ण होगा व 11 बजे मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे।

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