Maha Shivratri 2023: भोपाल के इस दशकों पुराने शिव मंदिर का होगा लाखों खर्च कर कायाकल्प, ये होगी खास बनावट
Maha Shivratri 2023: आजाद मार्केट इलाके में स्थित करीब 5 दशक पुराने पिपलेश्वर महादेव मंदिर की अब करीब 50 लाख खर्च कर तस्वीर बदलने की कवायद है। मंदिर के रिनोवेशन को लेकर भूमि पूजन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। मंदिर के भव्य निर्माण में राजस्थान के लाल पत्थरों का उपयोग किया जाएगा, जिसमें नक्काशी व खुदाई का काम भी राजस्थान के कारीगर करेंगे।
भोपाल के आजाद मार्केट स्थित शिव मंदिर का होगा जीर्णोद्धार (फाइल फोटो)
- 5 दशक पुराने मंदिर पर खर्च होंगे 50 लाख
- राजस्थान के कारीगर करेंगे लाल पत्थरों पर नक्काशी का काम
- गर्भगृह में होगा सोने व चांदी की जड़ाई का कार्य
महाशिवरात्रि के बाद मंदिर का निर्माण शुरू होने का अनुमान है। इसे लेकर इलाके के कई कारोबारियों को जिम्मेदारियां सौंपी गई है। जानकारी के मुताबिक मंदिर में मां दुर्गा व मां काली के स्वरूप सहित हनुमान, शिव परिवार और शनिदेव की मूर्तियां विराजित हैं। यहां पर हर शनिवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। मंदिर के भव्य निर्माण में राजस्थान के लाल पत्थरों का उपयोग किया जाएगा, जिसमें नक्काशी व खुदाई का काम भी राजस्थान के कारीगर करेंगे।
कारोबारियों की आस्था का प्रमुख केंद्रयह मंदिर लेक सिटी के श्रद्धालुओं सहित आजाद मार्केट के कारोबारियों की आस्था का भी प्रमुख केंद्र है। यहां के दो सौ से भी अधिक कारोबारी रोजाना मंदिर में मत्था टेकने के बाद ही अपने प्रतिष्ठान खोलते हैं। मंदिर समिति के अध्यक्ष दीपक साहू के मुताबिक बरसों पहले पीपल के वृक्ष़ के नीचे मां दुर्गा और हनुमान का छोटा सा मंदिर था। करीब 5 दशक पूर्व पिपलेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण स्थानीय लोगों ने करवाया था। अब फिर से इसका जीर्णोद्धार करवाया जा रहा है। जिसमें करीब 50 लाख रुपए खर्च कर मंदिर को भव्य स्वरूप दिया जाएगा।
गर्भगृह में होगी सोने- चांदी की जड़ाईमंदिर समिति अध्यक्ष के मुताबिक वर्तमान में मंदिर की ऊंचाई 25 फीट है, जिसे बढ़ाकर 35 फीट किया जाएगा। इसके अलावा मंदिर में पहले एक शिखर था, जिसे बढ़ाकर अब 4 नए शिखर का निर्माण करवाया जाएगा। वहीं मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होने क चलते जगह की कमी होने लगी थी। अब जीर्णोंद्धार हो रहा है तो जगह भी बढ़ाई जाएगी, जिससे श्रद्धालुओं को पूजा - अर्चना के लिए इंतजार नहीं करना पड़े। समिति से जुड़े पदाधिकारियों के मुताबिक मंदिर की दीवारों व शिखर पर ओम, स्वास्तिक, शंख, त्रिशूल आदि सनातनी परंपरा के चिन्ह उकेरे जाएंगे। इसके अलावा गर्भगृह में चांदी और सोने का काम भी करवाया जाएगा। इसे लेकर शहर के वास्तुविदों व संतों सहित मंदिर के मुख्य पुजारी का मार्गदर्शन भी लिया जा रहा है।
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