आधार कार्ड से होंगे महाकाल के दर्शन, न लंबी लाइन का झंझट न लंबा इंतजार
उज्जैन के स्थानीय निवासियों के लिए महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए अगल व्यवस्था की जाएगी। उन्हें आधार कार्ड दिखाने पर मंदिर में दर्शन मिले सकेंगे। निवासियों को अलग गेट से मंदिर में प्रवेश भी मिलेगा। नई व्यवस्था मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद निवासियों को उपलब्ध कराई जा सकेगी।
उज्जैन निवासियों के लिए महाकाल के दर्शन के लिए नई व्यवस्था लागू होगी।
Mahakaleshwar Temple News: महाकाल के दर्शन का इंतजार करने वाले उनको भक्तों को बड़ी सौगात मिलने जा रही है। अब भक्तों को महाकाल के दर्शन के लिए लंबी लाइन के झंझट के साथ लंबे इंतजार से भी मुक्ति मिलेगी। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की ओर से लिए गए फैसले के अनुसार, स्थानीय निवासियों को आधार कार्ड से महाकाल के दर्शन मिलेंगे। इतना ही नहीं उन्हें एक अलग गेट से मंदिर में प्रवेश मिलेगा।
मंदिर प्रबंध कमेटी ने शिरडी और तिरुपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर यह फैसला लिया है। बता दें, प्रबंध समिति के साथ उज्जैन कलेक्टर व अन्य अधिकारियों की एक बैठक हुई, जिसमें स्थानीय भक्तों को इस तरह की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया।
बैठक में रखा गया था प्रस्तावइस बैठक में महापौर मुकेश टटवाल ने उज्जैन के स्थानीय निवासियों के लिए अलग से महाकाल के दर्शन का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव को बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई, जिसके बाद वहां के निवासियों को परिचय पत्र के लिए अपना आधार कार्ड दिखाना होगा, जिसके बाद उन्हें अगल द्वार से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।
कब से मिलेगी यह सुविधाबता दें, मंदिर की प्रबंध समिति स्थानीय निवासियों को आधार कार्ड से दर्शन की सुविधा मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उपलब्ध कराएगी। इससे महाकाल के भक्त सुगमता से उनके दर्शन कर सकेंगे। अभी भक्तों को महाकाल के दर्शन के लिए लंबी लाइन और घंटो का इंतजार करना पड़ता है। दर्शन के लिए अलग से रसीद भी काटी जाती है। दरअसल, मंदिर का कॉरिडोर बनने के बाद महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए कई नियमों में बदलाव किया गया है। इस बैठक में मंदिर की कार्ययोजना व प्रस्तावित कार्यों की भी जानकारी दी गई। समिति द्वारा प्रस्तावित बजट का भी अनुमोदन बैठक में किया गया, जिसमें बताया गया 2023-24 में मंदिर की प्रस्तावित आय 22,800 लाख व व्यय 22,700 लाख है।
10 अप्रैल तक गर्भगृह में नहीं मिलेगा प्रवेशउज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भक्तों को तीन अप्रैल से 10 अप्रैल तक गर्भगृह में प्रवेश नहीं मिलेगा। इस दौरान न तो भक्त महाकाल के गर्भगृह में जाकर दर्शन कर पाएंगे न ही उन्हें जलाभिषेक और रुद्राभिषेक कर उन्हें स्पर्श कर सकेंगे। यह बदलाव पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा को लेकर किया गया है। कहा गया है कि इस आयोजन में काफी भीड़ जुटने का अनुमान है। लाखों की संख्या में भक्त इस कथा में पहुंचेंगे, जिसके चलते गर्भगृह में प्रवेश बंद कर दिया गया है।
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