Places In Bhopal to Visit: भोपाल के निकट है बाबा महाकाल की नगरी, अपने साथी संग करें विजिट, यहां आपको मिलेगा और भी बहुत कुछ
Places In Bhopal to Visit: उज्जैन बेहद प्राचीन और ऐतिहासिक शहर है। इसका इतिहास 5 हजार साल से भी अधिक पुराना है। इस सनातन आस्था की नगरी को अग्नि पुराण और गरुड़ पुराण में मोक्षदायिनी और भक्ति-मुक्ति प्रदायक कहा गया है। शहर की सबसे खास बात ये है कि, इसे पृथ्वी का केन्द्र माना जाता है। भगवान श्री कृष्ण व सुदामा की शिक्षा- दीक्षा उज्जैन में ही हुई थी। उज्जैन से महज दो किमी की दूरी पर पश्चिम में स्थित है काल भैरव का मंदिर, जहां पर भैरव की मूर्ति सुरापान करती है।
मध्य प्रदेश में बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन है बेस्ट धार्मिक पर्यटन स्थल (सांकेतिक तस्वीर)
- उज्जैन का इतिहास 5 हजार साल से भी अधिक पुराना है
- भगवान श्री कृष्ण व सुदामा की शिक्षा उज्जैन में ही हुई थी
- पश्चिम में स्थित है काल भैरव की मूर्ति सुरापान करती है
Places In Bhopal to Visit: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नजदीक बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन बेहद प्राचीन और ऐतिहासिक है। इसका इतिहास 5 हजार साल से भी अधिक पुराना है। बता दें कि, इस सनातन आस्था की नगरी को अग्नि पुराण और गरुड़ पुराण में मोक्षदायिनी और भक्ति-मुक्ति प्रदायक कहा गया है। प्राचीन काल में इसे उज्जयिनी कहा जाता था व अवंतिका नगरी भी कहा जाता था। इस शहर की सबसे खास बात ये है कि, इसे पृथ्वी का केन्द्र माना जाता है।
यहां से पूर्व से पश्चिम जाने वाली कर्क रेखा गुजरती है, वहीं उत्तर में शून्य रेखा जो सुमेरू से लंका तक जाती है वो भी यहीं से गुजरती है। इस बार अगर आप वैलेंटाइन वीक को अपने पार्टनर संग यादगार बनाने की सोच रहे हैं व किसी पौराणिक धार्मिक पर्यटन स्थल का एक्सपीरियंस करना चाहते हैं तो उज्जैन आपके लिए सबसे बेस्ट है। यहां आपको पौराणिक इतिहास के अलावा कई हैरान करने वाली जानकारियां मिलेंगी। इसके अलावा मध्य प्रदेश के पारंपरिक लजीज व्यंजनों का स्वाद चखने को मिलेगा। भोपाल से उज्जैन की दूरी करीब 191 किमी है। नजदीकी एयरपोर्ट इंदौर है, जबकि रेलवे स्टेशन उज्जैन है।
मां शिप्रा के तट पर विराजित हैं बाबा महाकालसनातन धर्म की मोक्ष प्रदाता कही जाने वाली पौराणिक नदी मां शिप्रा के तट पर विराजित हैं ब्रह्मांड के राजा बाबा महाकाल। बाबा महाकाल के दर्शन से पूर्व आप शिप्रा में स्नान कर पुण्य अर्जित कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ ही दूरी पर स्थित है राजा विक्रमादित्य की कुल देवी मां हर सिद्धि का मंदिर। कहा जाता है कि, राजा विक्रमादित्य साल में एक बार अपने शीश की बलि देकर मां हरसिद्धि को प्रसन्न करते थे।
भगवान कृष्ण के गुरु महर्षि संदीपनी के आश्रम जरूर जाएंपौराणिक इतिहास के मुताबिक, भगवान श्री कृष्ण व सुदामा की शिक्षा- दीक्षा भी उज्जैन में ही हुई थी। यहां पर काशी से आकर महर्षि संदीपनी ने अपना आश्रम खोला था। जो आज भी पौराणिक इतिहास की गवाही दे रहा है। इसके अलावा उज्जैन में राजा विक्रमादित्य का न्याय का सिंहासन भी देखने के लिए सर्वोत्तम स्थल है। वहीं चिंतामणी गणेश मंदिर में दर्शन कर अपने सुखद जीवन की कामना कर सकते हैं।
काल भैरव की मूर्ति करती है सुरापानउज्जैन से महज दो किमी की दूरी पर पश्चिम में स्थित है काल भैरव का मंदिर, जहां पर भैरव की मूर्ति सुरापान करती है। दावा किया जाता है कि, ये देश की एकमात्र काल भैरव की प्रतिमा है, जो शराब पीती है। यहां आप अपनी मनोकामाना सिद्धि के लिए काल भैरव के दर्शन कर सकते हैं। इसके अलावा शिप्रा के तट पर बैठकर दाल - बाफले का स्वाद चखने का एक अलग ही मजा है। वहीं यहां पर कई उद्यान है जहां आप सुकून के पल बिता सकते हैं।
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