दमोह के स्‍कूल में धर्मांतरण की फैक्‍ट्री, हिन्‍दू छात्राओं को जबरन पहनाया हिजाब, प्रिंसिपल समेत शिक्षिकाओं ने भी बदला धर्म

Damoh Religion Conversion : दमोह के एक स्‍कूल में करीब 300 से ज्‍यादा हिंदू लड़कियां पढ़ती हैं। इस स्‍कूल की एक फोटो बीते दिनों चर्चा में आई थी जिसमें हिंदू छात्राएं हिजाब में देखी गईं। दरअसल, ये पोस्‍टर 10वीं के रिजल्ट का था, जिसे प्रबंधन ने जारी किया था।

Damoh Religion Conversion : देश भर में धर्मांतरण एक बड़ा सियासी मुद्दा बनता जा रहा है। अब मध्‍य प्रदेश के दमोह से भी ऐसी ही एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां पर एक स्‍कूल उस वक्‍त अचानक चर्चा में आ गया जब वहां प्रधानाध्‍यापिका समेत शिक्षिकाओं के धर्मांतरण का खुलासा हुआ। इस मामले में भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष वीडी शर्मा और सांसद साध्‍वी प्रज्ञा ठाकुर ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे निंदनीय बताया है। जहां एक ओर वीडी शर्मा ने इसे जिहादी साम्राज्‍य खड़ा करने जैसा काम बताया तो वहीं, प्रज्ञा ठाकुर ने कहा- एक मिशन के तहत हमारी बेटियों को बरगलाकर, फुसलाकर लव जिहाद का शिकार बनाकर आतंकवादी बनाया जाता है। मामला उजागर होने के बाद मंगलवार को DEO को हटाने के भी निर्देश दे दिए गए हैं।

ये है पूरा मामला

दमोह के एक हायर सेकेंड्री स्‍कूल में करीब 300 से ज्‍यादा हिंदू लड़कियां पढ़ती हैं। इस स्‍कूल की एक फोटो बीते दिनों चर्चा में आई थी जिसमें हिंदू छात्राएं हिजाब में देखी गईं। दरअसल, ये पोस्‍टर 10वीं के रिजल्ट का था, जिसे प्रबंधन ने जारी किया था और उसमें टॉपर्स की फोटो थी। पोस्‍टर में कुल 18 बच्चों की फोटो थी जिसमें से कुल 15 लड़कियां थीं। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जांच के आदेश दिए थे और मामला राज्य बाल आयोग तक पहुंचा। टीम ने जब पैरेंट्स से बातचीत की तो उन्‍होंने बताया कि यह स्कार्फ (हिजाब) स्कूल के ड्रेस कोड का हिस्सा है। इसके बाद ही टीम को ये भी पता चला कि हिंदू बच्चियों को श्‍लोक की जगह कुरान की आयतें जबरन पढ़ाई जाती थीं, उन्‍हें हिजाब पहने रहने के लिए विवश किया जाता था और प्रार्थना के लिए स्‍कूल कैंपस में ही एक मस्जिद का भी निर्माण कराया गया था।

महिला प्रिंसिपल समेत शिक्षिकाओं का धर्मांतरण

राज्य बाल आयोग की टीम ने मामले का संज्ञान लेते हुए स्‍कूल का निरीक्षण किया। जहां पर सबसे ज्‍यादा चौंकाने वाली बात सामने आई। दरअसल, स्‍कूल की महिला प्र‍िंसिपल और दो महिला शिक्षिकाओं ने ज्‍वाइनिंग के बाद ही इस्‍लाम कबूल कर लिया था। ये बात प्रिंसिपल अफसा शेख ने खुद स्‍वीकार की और बताया कि, धर्मांतरण से पहले वे 'श्रीवास्‍तव' सरनेम लिखती थीं। वहीं, शिक्षिका अनीता खान कबूल किया कि वे भी पहले अनीता यादव लिखती थीं। इसके बाद जांच आगे बढ़ी तो शिक्षिका तबस्सुम बानो का नाम रिकॉर्ड में मिला बाद में पता चला कि धर्मांतरण से पहले वे जैन थीं। हालांकि प्रिंसिपल समेत शिक्षिकाओं ने अब तक ये नहीं बताया है कि, उन्‍होंने धर्मांतरण क्‍यों किया ?

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शाश्वत गुप्ता author

पत्रकारिता जगत में पांच साल पूरे होने जा रहे हैं। वर्ष 2018-20 में जागरण इंस्‍टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मास कम्‍युनिकेशन से Advance PG डिप्लोमा करने के...और देखें

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