सतना में जानवरों से क्रूरता, 6 कुत्तों को बोरी में भरकर नदी में फेंकने की कोशिश, बाइक सवार युवकों ने बचाया

सतना में दो युवक ई-रिक्शा में कुत्तों को बोरियों में बंद कर उनके पैर और मुंह बांधकर नदी में फेंकने ले जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में दो बाइक सवार युवकों ने कुत्तों के चिल्लाने की आवाज सुनकर ई-रिक्शा रोका और बोरे खुलवाकर कुत्तों को बाहर निकाला। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

छह कुत्तों को नदी में फेंकने से बचाया गया (सांकेतिक फोटो)

Animal cruelty in Satna: मध्य प्रदेश के सतना में जानवरों के साथ क्रूरता का मामला देखने को मिला है। जहां छह कुत्तों को बोरी में बंद कर नदी में फेंकने की कोशिश की गई। क्रूरता करने वालों ने कुत्तों के पैर और मुंह भी बांध दिए। लेकिन वे अपने इरादे में कामयाब नहीं हो सके और बाइक सवार युवकों ने कुत्तों की जान बचा ली। युवकों ने आरोपियों को पकड़कर पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।

कुत्तों की आवाज सुन रुकवाया ई-रिक्शा

जानकारी के अनुसार शुक्रवार को सतना में बारिश के दौरान दो लोग एक ई-रिक्शे में बोरियों में भरकर कुत्तों को लेकर जा रहे थे। ये लोग उन्हें सतना नदी में फेंकने के लिए ले गए थे। इसी दौरान वहां से दो युवक परिमल त्रिपाठी और बृजेश यादव भी बाइक से गुजर रहे थे। तभी सतना नदी के पुल पर उन्हें ई-रिक्शा से कुत्तों के रोने-चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। उन्होंने ई-रिक्शा चालक और उसके साथी से बोरियों से आ रही आवाज के बारे में पूछा, जिसपर आरोपी उन्हें गोलमोल जवाब देने लेगे। जिसके बाद बाइक सवार युवकों ने थोड़ी सख्ती दिखाकर बोरियों को खुलवाया। जिसमें से उन्हें 6 अलग-अलग बोरियों से कुत्ते मिले, जिनके पैर और मुंह भी बंधे हुए थे।

प्लास्टिक की रस्सियाें से बंधा था पैर-मुंह

बाइक सवार युवकों ने कुत्तों को बोरियों से बाहर निकलवाया। उन्होंने कुत्तों के मुंह और पैर में बंधी प्लास्टिक की रस्सियां भी खुलाई। साथ ही उन्होंने ई-रिक्शा चालक और उसके साथियों से पूछा कि वे कुत्तों को नदी में फेंकने क्यों आए थे। ई-रिक्शा चालक ने उन्हें कहा कि इस काम के लिए उन्हें भाड़ा देकर बुलाया गया था। लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि किसने उन्हें बुलाया था। जिसके बाद बाइक सवार युवकों ने सिटी कोतवाली पुलिस को इसकी सूचना दी।

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