इस शहर में है जजों की पाठशाला, 20 से ज्यादा देशों के जजों को मिलती है ट्रेनिंग
हर तरह के मामले की सुनवाई करने वाले और फिर अपराधी को सजा देने वाले जजों की ट्रेनिंग कहां होती है? ये प्रश्न आपके भी मन में कभी न कभी जरूर आया होगा। अगर ये प्रश्न आपका भी है तो हम उसका उत्तर लेकर आए हैं और बताएंगे कि किस शहर में यह ट्रेनिंग सेंटर है।
राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी
- कुल 63 एकड़ में है राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी (NJA) का कैंपस
- 5 साल में बांग्लादेश के 2 हजार जज ट्रेनिंग लेने यहां आएंगे
- दो दशक पहले हुई थी NJA की स्थापना, अब तक 44 हजार जजों को मिली ट्रेनिंग
जजों की पाठशाला : जी हां, भारत के एक शहर में जजों की ऐसी पाठशाला है, जहां पर उन्हें खास ट्रेनिंग दी जाती है। यह अकादमी आज की नहीं, बल्कि 2 दशक पहले इसकी इस्थापना हुई थी। यहां पर 20 से अधिक देशों के जजों को ट्रेनिंग मिल चुकी है। पड़ोसी देश बांग्लादेश से अगले पांच साल में 2 हजार जज यहां ट्रेनिंग लेने आएंगे। जजों की इस पाठशाला का नाम राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी (NJA) है और यह 63 एकड़ क्षेत्र में बसाई गई है। यह अकादमी कहीं और नहीं बल्क हिंदुस्तान का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में है। तो चलिए जानते हैं NJA के बारे में विस्तार से -
NJA की स्थापना करीब 20 साल पहले हुई थी और आज यह दुनिया में जजों की सबसे बड़ी पाठशाला बन चुकी है। यहां पर भारत ही नहीं दुनियाभर के 20 से ज्यादा देशों के लोकल अदालतों ही नहीं, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज बी ट्रेनिंग के लिए आते हैं। अब तक यहां पर 44 हजार से ज्यादा वरिष्ठ जज ट्रेनिंग ले चुके हैं।
NJA सिर्फ अपने 63 एकड़ के कैंपस में ही जजों को ट्रेनिंग नहीं देता, बल्कि देश में विभिन्न राज्यों की 24 न्यायिक अकादमियों में भी ट्रेनिंग कोऑर्डिनेशन की जिम्मेदारी भी NJA के पास ही है। यहां पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के अलावा देश और दुनिया के जाने-माने कानूनी जानकार ट्रेनिंग देने आते हैं।
NJA के नए निदेशकसुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ न्यायाधीश रहे अनिरुद्ध बोस ने शनिवार 13 अप्रैल को ही NJA के निदेशक का पद संभाला है। देश के मुख्य न्यायाधीश यानी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया इसके पदेन अध्यक्ष होते हैं। यानी अभी राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी के पदेन अध्यक्ष जस्टिस चंद्रचूड़ हैं।
बांग्लादेश के साथ करारराष्ट्रीय न्यायिक अकादमी का बांग्लादेश के साथ एक खास एग्रीमेंट हुआ है। इसके तहत अगले पांच वर्षों में 2 हजार जज यहां ट्रेनिंग के लिए आएंगे। यही नहीं, हाल ही में भारत के साथ विवाद को लेकर चर्चा में रहे पड़ोसी देश मालदीव के 200 जज भी यहां ट्रेनिंग ले चुके हैं।
पाकिस्तानी जजों ने भी ली ट्रेनिंगश्रीलंका के जज भी यहां ट्रेनिंग ले चुके हैं। यही नहीं पाकिस्तान, अफगानिस्तान, कनाडा, फिजी, नेपाल और केन्या के जज भी यहां पर ट्रेनिंग ले चुके हैं। दक्षिण अमेरिकी देश पेरू के जजों के एक ग्रुप ने पिछले साल यहां ट्रेनिंग ली थी। यही नहीं पेरू की सुप्रीम कोर्ट के करीब 2 दर्जन जज जल्द ही यहां ट्रेनिंग के लिए आने वाले हैं।
इंग्लैंड के जज भी आए यहांइसके अलावा NJA म्यांमार, कंबोडिया, ऑस्ट्रिया, मिस्र, एस्वेटिनी और फेडरल ज्यूडिशियल सेंटर वॉशिंगटन के साथ मिलकर भी काम कर रहा है। पिछले वर्ष NJA में हुई अंतरराष्ट्रीय वर्कशॉप में यूनाइटेड किंगडम हाईकोर्ट डेलिगेशन भी शामिल हुआ था।
NJA के ट्रेनिंग कार्यक्रमों में अपराध के तरीकों में आ रहे बदलाव, पर्यावरण सुरक्षा, मानव तस्करी, साइबर क्राइम, मानवाधिकारों, म्युनिसिपल कानूनों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को शामिल किया गया है। इसके अलावा जजों को स्ट्रेस मैनेजमेंट, पारिवारिक मामलों, लैंगिंग मुद्दों के साथ ही काम और फैमिली रिस्पॉन्सिब्लिटी के बीच कोऑर्डिनेशन बिठाने के संबंध में बताया जाता है।
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खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्...और देखें
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