Bhopal News: भोपाल में तीन लेयर वाली एलिवेटेड कॉरिडोर का होगा निर्माण, जानिए क्या होगी इसकी खासियत

Bhopal News: भोपाल को बड़ी सौगात मिली है। दो एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने की योजना है। इस कॉरिडोर के बन जाने से भोपाल के एक बड़े क्षेत्र को जाम से निजात मिल जाएगी। सरकार ने इसे लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। जल्द ही इस योजना पर काम शुरू हो जाएगा।

प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स - ट्विटर)

मुख्य बातें
  • होशंगाबाद और रायसेन रोड की ट्रैफिक समस्या का होगा समाधान
  • होशंगाबाद रोड पर पांच किमी लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर बनेगा
  • 15 लाख लोगों का होगा सीधा फायदा

Bhopal Elevated Corridor: भोपाल में होशंगाबाद रोड और रायसेन रोड पर लगने वाले ट्रैफिक जाम से निपटने का उपाय निकाल लिया गया है। बता दें कि बीते दिनों गोविंदपुरा विधायक कृष्णा गौर ने केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की थी। इस दौरान दो फ्लाईओवर का प्रस्ताव दिया गया था। भारी ट्रैफिक की समस्या और भविष्य में इसको लेकर चुनौतियों को देखते हुए गडकरी ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों को इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

बता दें कि पहला फ्लाईओवर होशंगाबाद रोड पर बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से मिसरोद थाने तक बनेगा। यहां साढ़े पांच किमी लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर बनेगा। बता दें कि यह नागपुर में बने डबल डेकर एलिवेटेड फ्लाईओवर जैसा होगा। इसकी चौड़ाई 15 मीटर (4 लेन में) तक होगी, जबकि इसे बनाने में 385 करोड़ रु. से अधिक खर्च हो सकते हैं। दूसरा फ्लाईओवर रायसेन रोड स्थित आनंद नगर तिराहे के पास बनाया जाएगा। यह आकाशवाणी माइक्रो वेव टॉपर से राज वेदांता स्कूल तक बनाया जाएगा। इसकी कुल लंबाई करीब 1350 मीटर यानी 1.3 किलोमीटर तक होगी। इसकी चौड़ाई 15 मीटर (4 लेन की) तक होगी। इसकी अनुमानित लागत लगभग 80.68 करोड़ रुपए से अधिक होगी। दोनों फ्लाईओवर के निर्माण से करीब 15 लाख लोगों को सीधा फायदा होगा।

रायसेन फ्लाइओवर से होंगे ये फायदे

मिली जानकारी के अनुसार रायसेन में आनंद नगर तिराहे से 1.3 किमी लंबा फ्लाईओवर बनाया जाएगा। आनंद नगर भोपाल शहर का एंट्री गेट है, जिसके आसपास 5 लाख की आबादी रहा करती है। आए दिन जंबूरी मैदान में होने वाले बड़े आयोजन के लिए जो गाड़ियां आया करती हैं। वो इसी सड़क से होकर आती हैं। इसके चलते यहां घंटों जाम की स्थिति बन जाती है। इस सड़क पर 6 से 8 हजार पैसेंजर कार यूनिट का ट्रैफिक दबाव रहता है।

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