हाय रे Ujjain! दर-दर दर्द से कराहती बच्ची को देख लोगों ने मुंह लिया था फेर, पुजारी बने 'देवदूत', सुनाया आंखों-देखा हाल
Ujjain Rape Case: आचार्य राहुल शर्मा ने बताया कि उन्होंने बच्ची की पूरी मदद की। हालांकि, वह यह भी बोले कि उनसे पहले और लोगों को भी उसकी सहायता करनी चाहिए थी, जब वह उन लोगों के दरवाजे के पास पहुंची थी। किसी ने भी उसकी मदद नहीं की।
Ujjain Rape Case: तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (क्रिएटिवः अभिषेक गुप्ता)
Ujjain Rape Case: मध्य प्रदेश (म.प्र) के उज्जैन में 12 साल की मासूम के साथ हैवानियत के बाद जो कुछ हुआ वह दरिंदगी से भी अधिक रूह कंपा देने वाला है। ढाई-तीन घंटे का वह बेशर्मी और बुजदिली से भरा पूरा घटनाक्रम यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम इंसान है?...हम दुनिया भर की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, पर जब कोई चौखट पर अर्धनग्न और बदहवास हालत में आकर मदद की गुहार लगाता है तब चुप्पी साध लेते हैं। मुंह फेर लेते और साबित कर देते हैं कि इंसानियत मर चुकी है। महाकाल की नगरी की यह घटना हर जिम्मेदार नागरिक पर किसी आईना दिखाने वाले तमाचे से कम नहीं है। यह घटना चीख-चीखकर बताती है कि हाय रे उज्जैन...ये कैसी घटना घट गई!
वैसे, मामले में 38 बरस के ऑटो ड्राइवर राकेश को अरेस्ट किया गया है। पुलिस ने इसके साथ ही तीन लोगों को हिरासत में लिया है। पड़ताल के दौरान पुलिस के दस्ते को राकेश के ऑटो में खून के दाग/निशान भी मिले। वैसे, पूछताछ में राकेश ने बलात्कार की बात से साफ इन्कार किया है। उसने बताया कि सिर्फ मदद के मकसद से उसने बच्ची को ऑटो में बैठाया था।
हालांकि, पुलिस को उसके बयान पर यकीन नहीं है। पुलिस मान कर चल रही है कि अगर ड्राइवर ने उसकी असल में मदद की तब उसने उसकी हालत के बारे में फौरन पुलिस को क्यों नहीं बताया? वह उसकी जख्मी हालत देख उसे हॉस्पिटल क्यों नहीं ले गया। राह-राह भटक रही बच्ची की मदद तब दंडी सेवा आश्रम के व्यवस्थापक आचार्य राहुल शर्मा ने की थी, जिनके पास 'टाइम्स नाऊ नवभारत' की टीम पहुंची और जाना कि आखिर उस रोज क्या हुआ था:
100 नंबर मिलाया पर...पुजारी ने बताया बकौल आचार्य, "तीन से चार बार फोन करने पर पुलिस ने फोन उठाया। बार-बार 100 नंबर डायल वाले फोन काट रहे थे। महाकाल थाने में भी दो-तीन बार फोन किया गया, पर लगभग आधे घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची।" शर्मा ने यह भी बताया कि उन्होंने बच्ची की पूरी मदद की। हालांकि, वह यह भी बोले कि उनसे पहले और लोगों को भी उसकी सहायता करनी चाहिए थी, जब वह उन लोगों के दरवाजे के पास पहुंची थी। किसी ने भी उसकी मदद नहीं की।
यूं हुई दरिंदगी कि बोल भी नहीं पा रहीसूबे के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के अनुसार, लड़की का इलाज जारी है। फिलहाल उसकी हालत खतरे से बाहर है। लड़की उज्जैन के बाहर के किसी क्षेत्र की लगती है। चूंकि वह (घटना को लेकर) ठीक तरह से जवाब दे नहीं पा रही है। ऐसे में विशेषज्ञों और काउंसलर की मदद से उससे बातचीत का प्रयास किया जा रहा है। वैसे, उनसे पहले पुलिस के एक अफसर की ओर से बताया गया था कि लड़की संभवत: पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश (यूपी) की है, पर उसकी पहचान नहीं हो पाई है। ऐसा इसलिए क्योंकि वह पुलिस को अपना नाम और पता ठीक से नहीं बता पा रही है।
क्या है पूरा मामला?दरअसल, 25 सितंबर को महाकाल की नगरी उज्जैन में कथित तौर पर रेप किए जाने के बाद नाबालिग सड़क पर खून से लथपथ हालत में पाई गई थी। वह इस दौरान करीब आठ किमी तक दर-दर भटक रही थी, पर बेबसी के आलम के बीच किसी ने उसकी मदद न की। मेडिकल जांच में उसके साथ बलात्कार किए जाने की पुष्टि हुई है। पुलिस के मुताबिक, केस की जांच और सीसीटीवी फुटेज की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।
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