उमा भारती की नाराजगी क्या चुनाव में बढ़ाएगी भाजपा की चिंता? समझिए बयान के मायने
Madhya Pradesh Chunav: उमा भारती की नाराजगी मध्य प्रदेश में भाजपा की परेशानी बढ़ा सकती है। उनके बयान से ये समझा जा सकता है कि चुनाव में भाजपा की राह आसान नहीं रहने वाली है। उन्होंने धमकी भरे लहजे में ये कहा है कि इनको लगता है कि अब यह लोग सरकार बना लेंगे। आपको इसके सियासी मायने समझने चाहिए।
उमा भारती को एमपी चुनाव से पहले आया गुस्सा!
Uma Bharti News: मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं की लिस्ट में शुमार रहने वाली उमा भारती इन दिनों अपनी ही पार्टी से नाराज चल रही हैं। भाजपा के जन आशीर्वाद यात्रा में नहीं बुलाने पर उन्होंने अपना गुस्सा जाहिर किया है। धमकी भरे अंदाज में उमा भारती ने ये बोला कि इनको (भाजपा) लगता है कि अब यह लोग सरकार बना लेंगे?
उमा भारती को एमपी चुनाव से पहले आया गुस्सा!
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अपनी ही पार्टी भाजपा को खरी-खोटी सुनाई है। उन्होंने बोला कि 'जन आशीर्वाद यात्रा में मुझे नहीं बुलाया गया। इनको लगता है कि अब यह लोग सरकार बना लेंगे। मुझे निमंत्रण नहीं दिया गया, कोई बात नहीं। अगर ज्योतिराध्य सिंधिया ने सरकार बनवाई, मैंने भी बनवाई प्रचार किया, मेरा ध्यान रखना था, लेकिन नहीं रखा, मुझे निमंत्रण नहीं दिया।'
चुनाव से पहले उमा भारती के बयान के क्या हैं मायने?
उमा भारती ने आगे कहा कि इनको डर लगता है कि मैं अगर वहां चली जाऊंगी तो सबका ध्यान मुझ पर रहेगा। उमा भारती एक संस्था के पौधारोपण कार्यक्रम में पहुंची थीं, जहां लोगों से बातचीत के दौरान उन्होंने अपना दर्द बयां किया। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा की दिग्गज उमा भारती की नाराजगी पार्टी की चिंता बढ़ा सकती है। आपको उनके बयान के सियासी मायने समझना चाहिए, उनकी नाराजगी आगामी चुनाव पर क्या असर डाल सकती है?
'निमंत्रण मिला तो भी जन आशीर्वाद यात्रा में नहीं जाऊंगी'
सोमवार को उमा भारती ने कहा कि मुझे जन आशीर्वाद यात्रा के प्रारंभ में निमंत्रण नहीं मिला यह सच्चाई है कि ऐसा मैंने कहा है, लेकिन निमंत्रण मिलने या ना मिलने से मैं कम ज्यादा नहीं हो जाती। हां अब यदि मुझे निमंत्रण दिया गया तो मैं कही नहीं जाऊंगी। ना प्रारंभ में ना 25 सितंबर के समापन समारोह में। मेरे मन में शिवराज जी के प्रति सम्मान एवं उनके मन में मेरे प्रति स्नेह की डोर अटूट और मजबूत है। शिवराज जी जब और जहां मुझे चुनाव प्रचार करने के लिए कहेंगे मैं उनका मान रखते हुए उनकी बात मानकर चुनाव प्रचार कर सकती हूं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने बयान पर पेश की सफाई
हालांकि उमा भारती ने सोमवार को अपने बयान पर सफाई पेश की है। उन्होंने कहा कि जिनके खून पसीने से यह भाजपा बनी है मैं उन लोगों में से हूं। पार्टी का कभी नुकसान नहीं करूंगी। मेरी वह तीसरी बात जो मैंने कल कही यह किसी ठेस या आक्रोश से नहीं निकली। जब भोपाल के बंसल अस्पताल में मेरे चेकअप हुए और तब मैंने सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में जमीन-आसमान का अंतर पाया तथा सरकारी एवं निजी शिक्षा में भी यही अंतर है और तभी से मैंने कहना शुरू किया।
नेताओं का 5 स्टार होटलों में रुकना गलत है- उमा भारती
उन्होंने आगे कहा कि हम सब नेताओं को, विधायकों, सांसदों, मंत्रियों ,मुख्यमंत्रीओं एवं सभी अधिकारियों को सरकारी अस्पताल में इलाज कराना चाहिये एवं सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ने को भेजना चाहिये। तभी इन व्यवस्थाओं में सुधार हो पायेगा। यह एक अभियान का स्वरूप ले लेगा। शादियों की फिजूल खर्ची और हमारे नेताओं का 5 स्टार होटलों में रुकना इसको मैं शुरू से ही गलत मानती हूं। मोदी जी भी इस तरह की जीवनशैली को सख्त नापसंद करते हैं। मैं आगे भी यह बातें कहती रहूंगी। हम गाँधी जी, दीनदयाल जी एवं मोदी जी की सीखों की अनदेखी नहीं कर सकते।
क्या कांग्रेस इस विवाद का उठाएगी फायदा?
मध्य प्रदेश में इस बार के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस की बीच कांटे की टक्कर होने के आसार हैं। कमलनाथ लगातार भाजपा को इस बार सत्ता से बेदखल करने का दंभ भर रहे हैं। उमा भारती के बयान से ये समझा जा सकता है कि उन्हें इस बात की खेद है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को ज्यादा तवज्जो मिल रही है। ऐसे में अगर शिवराज सरकार को सत्ता में वापसी करनी है, तो कहीं न कहीं इस तरह के विवाद पर लगाम लगाना जरूरी है।
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