Valentine Day 2023: भोपाल के नजदीक माहेश्वर है बेस्ट टूरिस्ट प्लेस, अपने पार्टनर के साथ जाए यहां, दिखेगा कुदरत का नैसर्गिक सौंदर्य
Valentine Day 2023: महेश्वर रजवाड़ों के समय में मालवा साम्राज्य की रानी अहिल्याबाई के होल्कर सूबे की राजधानी रहा है। यही कारण है कि, यहां कई इमारतों और सार्वजनिक कार्यों में मराठा वास्तुकला की झलक देखने को मिलती है। माहेश्वर की स्थापना राजा सहस्त्रार्जुन ने की थी। उन्होंने एक बार रावण को भी युद्ध में पराजित कर दिया था। जिसका प्रमाण आज भी यहां मौजूद रावणेश्वर मंदिर है।
मालवा साम्राज्य के होल्कर सूबे की राजधानी रहा है माहेश्वर (सांकेतिक तस्वीर)
- नर्मदा के तट पर बसा माहेश्वर होल्कर राजवंश की राजधानी रहा है
- यहां पर खास शैली की साड़ियों का उत्पादन भी होता है
- माहेश्वर के पौराणिक महत्व का उल्लेख रामायण में भी किया गया है।
इस बार अगर आप वैलेंटाइन वीक पर अपने पार्टनर के साथ किसी खूबसूरत टूरिस्ट प्लेस की सैर करने के बारे में सोच रहे हैं तो भोपाल के नजदीक माहेश्वर आपके लिए सबसे बेस्ट विकल्प है। इसे एमपी का वाराणसी भी कहा जाता है। यहां कई ऐतिहासिक और धार्मिक जगहें मौजूद हैं। माहेश्वर की भोपाल से 287 किमी की दूरी है। जबकि इंदौर से महज 92 किमी दूर है। सबसे नजदीकी एयरपोर्ट इंदौर है।
होल्कर राजवंश की राजधानी था माहेश्वर महेश्वर रजवाड़ों के समय में मालवा साम्राज्य की रानी अहिल्याबाई के होल्कर सूबे की राजधानी रहा है। यही कारण है कि, यहां कई इमारतों और सार्वजनिक कार्यों में मराठा वास्तुकला की झलक देखने को मिलती है। आज भी यहां लोग आध्यात्मिक अनुभव करने के लिए आते हैं। माहेश्वर भोलेनाथ को समर्पित एक छोटा सा शहर है। यहां का इतिहास जानने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। इसका इतिहास युगों पुराना माना जाता है। जिसका उल्लेख रामायण में भी किया गया है। इतिहास के मुताबिक इंदौर के अंतिम महाराजा, राजकुमार शिवाजी राव होल्कर का यहां राज रहा है। जिसके चलते मराठा वास्तुकला की अद्भुत नजीर यहां के किलों में देखने को मिलती है।
यहां बनती है खास तरह की साड़ियांमाहेश्वर महज धार्मिक और पौराणिक पर्यटन स्थली ही नहीं है, बल्कि इसकी एक और पहचान है। यह खास शैली की साड़ियों के उत्पादन का एक प्रसिद्ध केंद्र है। बता दें कि, शॉपिंग के लिए ये सबसे बेस्ट स्थान माना जाता है। इसके अलावा यहां के पौराणिक इतिहास की अलग बात करें तो माहेश्वर की स्थापना हैयवंशी राजा सहस्त्रार्जुन ने की थी। उन्होंने एक बार रावण को भी युद्ध में पराजित कर दिया था। जिसका प्रमाण आज भी यहां मौजूद रावणेश्वर मंदिर है।
ये हैं माहेश्वर के 10 खास टूरिस्ट प्लेसवैलेंटाइन वीक में माहेश्वर अगर आप घूमने आते हैं तो यहां पर आपको 10 जगहों के साथ शॉपिंग मार्केट भी जाने का मौका मिलता है। जहां से आप साड़ियों के साथ अन्य वस्तुएं खरीद सकते हैं।यहां आपको बेहद खूबसूरत प्राकृतिक नजारें देखने को मिलेंगे। नर्मदा नदी के तट पर स्थित मंडलेश्वर प्राचीन मंदिरों का एक शहर है। यह शहर अपने मंदिरों, फोर्ट और स्नान घाटों के लिए प्रसिद्ध है। जिसमें यहां पर आपको होल्कर फोर्ट, मंडलेश्वर, राजवाड़ा, जलेश्वर मंदिर, नर्मदा घाट, पंडरीनाथ मंदिर, खरगोन अहिल्येश्वर मंदिर, कसरावद व अहिल्या फोर्ट देखने का मौका मिलेगा।
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