Valentine Week 2023: भोपाल का गौहर महल है अद्भुत, अपने पार्टनर के साथ जरूर जाएं यहां, वेलेंटाइन वीक करें सेलीब्रेट

Valentine Week 2023: लेक सिटी भोपाल में महिला सशक्तिकरण की अद्भुत नजीर है यहां का गौहर महल। यहां की कहानियां व इतिहास जानने के बाद आपका वेलेंटाइन वीक यादगार पलों में हमेशा के लिए आपके जेहन में बस जाएगा। यहां बेगमों के शासन का दौर बड़े ही रौचक ढंग से करीब दो सौ साल पुराने गौहर महल के साथ शुरू हुआ। उस समय की सम्राज्ञी कुसदिया बेगम ने गौहर महल का निर्माण कराया था।

Gouhar Mahal Of Bhopal

भोपाल में महिला सशक्तिकरण की अद्भुत नजीर है गौहर महल (प्रतीकात्मक तस्वीर)

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • महिला सशक्तिकरण की अद्भुत नजीर है यहां का गौहर महल
  • यहां बेगमों के शासन का दौर शुरू बड़े ही रौचक ढंग से हुआ था
  • इसे देखने के बाद आपका वेलेंटाइन वीक हमेशा के लिए यादगार बना जाएगा

Valentine Week 2023: इस बार अगर आप वेलेंटाइन वीक को अपने पार्टनर संग किसी अनूठी जगह पर सेलिब्रेट करने की सोच रहे हैं तो आपके लिए लेक सिटी भोपाल एक बेस्ट प्लेस है यहां पर महिला सशक्तिकरण की एक अद्भुत नजीर है गौहर महल। यहां की कहानियां व इतिहास जानने के बाद आपका वेलेंटाइन वीक यादगार पलों में हमेशा के लिए आपके जेहन में बस जाएगा। बता दें कि, भोपाल नवाबों के शहर के साथ ही बेगमों के शासन काल के लिए भी जाना जाता है।

यहां बेगमों के शासन का दौर शुरू बड़े ही रौचक ढंग से करीब दो सौ साल पुराने गौहर महल के साथ हुआ। उस समय की सम्राज्ञी कुसदिया बेगम ने गौहर महल का निर्माण कराया था। इसके अलावा भी आप अपने पार्टनर के साथ भोपाल शहर में कई टूरिस्ट प्लेस पर जाकर खुशियों के इन पलों को हमेशा - हमेशा के लिए अपने दिल में संजो सकते हैं।

सन 1820 में हुआ था महल का निर्माण

गौहर महल भोपाल के नवाबों के समय में बनाया गया एक बेहद भव्य महल हैं। रजवाड़ों के उस दौर में यहां की पहली महिला सम्राज्ञी कुदसिया बेगम ने इसे सन 1820 में बनवाया था। बेगम को एक दूसरे नाम गौहर से भी बुलाया जाता था, इसी वजह से इसका नाम गौहर महल पड़ गया। बता दें कि, करीब साढ़े चार एकड़ में बनीं ये इमारत वास्तुकला की अनूठी नजीर है। महल में 3 आंगन बने हुए हैं, पहले हिस्से में दीवान-ए-आम था, जिसमें आम आवाम की फरियाद सुनी जाती थीं। वहीं महल के दूसरे भाग में दीवान-ए-खास था, जिसमें शहर के खास रसूख वाले लोगों को ही इजाजत के बाद आने दिया जाता था। इसके अलावा तीसरा हिस्सा बेहद सामान्य था।

इस वजह से रोशन हो उठता था बेगम का कमरा

यहां के इतिहास के जानकार लोग बताते हैं कि, कुसदिया बेगम का कमरा इतना खास था कि इसमें बेहतरीन नक्काशी के अलावा दीवारों पर एक चमकीला पदार्थ (अभ्रक) भी लगाया गया था। मोमबत्तियों की रोशनी और अभ्रक के कारण बेगम का कमरा अंधेरे में भी चमकता था। दरवाजों पर कांच की बेहद खूबसूरत नक्काशी आज भी मौजूद है। बता दें कि, आप महल के हिस्से से भोपाल के बड़े तालाब का मनोरम दृश्य निहार सकते हैं।

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