चमत्कार या साजिश : अंतिम संस्कार के 53 दिन बाद नोएडा में मिली महिला, पति पर मर्डर का आरोप

मध्य प्रदेश के भिंड जिले में जिस महिला को मृत समझकर 53 दिन पहले उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया था, वह महिला नोएडा में एक फुटपाथ पर अपनी चप्पल ठीक करवाते हुए मिली। अब प्रश्न ये है कि जिस महिला का अंतिम संस्कार किया गया वह कौन थी।

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नोएडा में जिंदा मिली महिला Photo Credit - AI

मध्य प्रदेश के भिंड जिले ज्योति नाम की एक महिला 2 मई को लापता हो गई थी। महिला के पति ने अपनी पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज करवाई। गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के दो दिन बाद यहां के कतरौल गांव के पास खेत में महिला का जला हुआ शव मिला। ज्योति के मायके पक्ष के लोगों के शव की शिनाख्त कर ली। ज्योति के मायके वालों ने उसके पति सुनील शर्मा पर ज्योति की हत्या का आरोप लगाया। शक तब और पुख्ता हो गया, जब पता चला कि जिस कतरौल गांव में महिला का शव मिला, वह ज्योति के ससुराल वालों का पैतृक गांव है। इस बात को 53 दिन बीत गए और फिर चमत्कार हो गया। जिस ज्योति के मर्डर का आरोप उसके पति पर है, वह ज्योति 53 दिन बाद नोएडा में जिंदा मिली।

53 दिन पहले ज्योति का अंतिम संस्कार किया गया था। हालांकि, ज्योति के पति सुनील शर्मा तब भी बार-बार कहते रहे कि यह शव ज्योति का नहीं, किसी अन्य महिला का है। लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। ज्योति के मायके वालों और पुलिस के दबाव के चलते सुनील शर्मा ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया था। यही नहीं अस्थि विसर्जन और तेरहवीं भी की गई थी।

दरअसल जले शव की कद-काठी ज्योति से मिलती-जुलती थी। पुलिस ने मामले में पति सुनील से पूछताछ भी की थी। सुनील ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी पत्नी की हत्या नहीं की है। वह भी पत्नी के अचानक गायब होने की वजह से परेशान है और उसका पता लगाने की कोशिश कर रहा है।

पुलिस करती रही जांचपुलिस ने भले ही ज्योति समझकर शव का पोस्टमार्टम और पति से शव का अंतिम संस्कार करवा दिया हो, लेकिन केस बंद नहीं किया। भिंड के मौ थाना प्रभारी का कहना है कि अब जब ज्योति जिंदा मिल गई है, तब भी इस मामले को बंद नहीं किया गया है। बल्कि अब इस मामले की नए सिरे से जांच हो रही है। अब उस महिला की शिनाख्त करने की कोशिशें हो रही हैं, जिसका ज्योति समझकर अंतिम संस्कार कर दिया गया था।

ऐसे पता चला ज्योति काकागजों में ज्योति की हत्या हो चुकी थी और 53 दिन पहले उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया था। लेकिन उसके जिंदा होने का सुबूत तब मिला, जब उसने अपने बैंक खाते से लाड़ली बहना योजना से मिले रुपये रुपये निकाले। दरअसल ज्योति का पति सुनील हत्या के मामले में किसी तरह पुलिस से बचता फिर रहा था। इसी बीच 22 जून को वह बैंक से पैसे निकालने पहुंचा, तब उसे पता चला कि ज्योति के बैंक अकाउंट से 2700 रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है। पति को पता चला कि लाड़ली बहना योजना की लाभार्थी ज्योति के बैंक अकाउंट से नोएडा के एक कियोस्क सेंटर से रकम निकाली गई थी।

बस फिर क्या था, सुनील ने तुरंत स्थानीय पुलिस से संपर्क किया और उनके साथ नोएडा पहुंच गया। कियोस्क के सीसीटीवी फुटेज में देखा गया तो ज्योति ने स्वयं ही पैसे निकाले थे। इसके बाद जब ज्योति की खोजबीन की गई तो वह अचानक फुटपाथ पर टूटी चप्पल जुड़वाते हुए मिली।

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Digpal Singh author

खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्लोमा करने के बाद मीडिया जगत में दस्तक दी। कई अखबार...और देखें

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