Holi Festival Special 2023: मध्य प्रदेश का ये शहर है होली के लिए मशहूर, रंग पंचमी पर होती है अबीर - गुलाल की बारिश,जानिए क्या है यहां खास

Holi Festival Special 2023: इंदौर में होली के पांच दिन बाद रंगपंचमी पर "गेर" (रंगपंचमी की विशाल शोभायात्रा) का भव्‍य आयोजन होता है। इस रंगारंग फाग जुलूस में लाखों लोग जुटते हैं और पिचकारी और वाटर टैंकर से एक दूसरे पर रंगों की बौछार करते हैं। इस दिन पूरा इंदौर रंगों में नहाया नजर आता है। इस बार रंगपंचमी 12 मार्च को मनाया जाएगा।

इंदौर का गेर महोत्‍सव

मुख्य बातें
  • होली के पांच दिन बाद रंगपंचमी को मनाया जाता है गेर
  • रंगारंग गेर में लाखों लोग जुटते हैं, इस दिन का लोग पूरे साल करते इंतजार
  • गेर महोत्‍सव में इस बार करीब 5 लाख लोगों के शामिल होने की उम्‍मीद



Holi Festival Special 2023: इस बार पूरे देश में होली त्‍योहार 7 और 8 मार्च को मनाया जाएगा। देश के विभिन्‍न शहरों में इस त्‍योहार की तैयारियां शुरू हो गई हैं। मध्य प्रदेश के इंदौर में भी रंगों के इस त्‍योहार को हर्षोल्‍लास के साथ मनाया जाता है, लेकिन इससे भी ज्‍यादा यहां पर रंगपंचमी की धूम होती है। होली के पांच दिन बाद पड़ने वाले रंगपंचमी पर इंदौरा में होने वाला "गेर" (रंगपंचमी की विशाल शोभायात्रा) पूरे देश में सबसे अनोखा है। इस रंगारंग गेर यानी फाग जुलूस के लिए इंदौर के लोग पूरे साल इंतजार करते हैं। इसमें लाखों लोग जुटते हैं और पिचकारी और वाटर टैंकर से एक दूसरे पर रंगों की बौछार करते हैं। इस दिन पूरा इंदौर रंगों में नहाया हुआ नजर आता है। इस बार रंगपंचमी 12 मार्च को मनाया जाएगा। इस बार गेर में करीब 5 लाख लोगों के शामिल होने की उम्‍मीद है।

इंदौर में गेर निकालने की परंपरा दशकों पुरानी है। मान्‍यता है कि गेर निकालने की परंपरा होलकर वंश के समय शुरू हुआ था। उस समय रंगपंचमी के दिन राजघराने के लोग रथों और बैलगाड़ियों में विभिन्‍न तरह के फूलों से तैयार रंग और गुलाल लेकर सड़क पर निकलते थे और उन्‍हें रास्ते में जो भी मिलता। उससे रंग खेलते थे। एक तरह से यह राजघराने और प्रजा के बीच खेला जाने वाला होली था। बताया जाता है कि राजघराने द्वारा शुरू किए गए इस परंपरा का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों के साथ मिलकर होली खेलना था। यह परंपरा तब से उसी तरह से मनाया जा रहा है।

गेर को यूनेस्को की धरोहर में जोड़ने का प्रयासइंदौर के लोग में होली की तुलना में रंगपंचमी का उत्साह अधिक रहता है। यही कारण है कि इस सदियों पुराने परंपरा को अब यूनेस्को धरोहर में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है। पिछले 68 साल से रंगपंचमी पर गेर निकाल रहे रंग पंचमी महोत्सव समिति के अध्यक्ष कमलेश खंडेलवाल ने बताया कि, इंदौर जिला प्रशासन ने वर्ष 2019 में गेर को यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर में शामिल करने के लिए आवेदन किया था, लेकिन कोरोना की वजह से उस समय यह संभव नहीं हो पाया। इस साल अब एक बार फिर से इसे यूनेस्को की धरोहर में शामिल कराने का प्रयास किया जाएगा।

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