Bihar Bridge Collaspe : बिहार में पुल गिरने पर एक्शन में नीतीश सरकार, 17 इंजीनियर निलंबित
Bihar Bridge Collaspe : बिहार के सारण जिले में बृहस्पतिवार को एक और पुल गिर गया। जिलाधिकारी अमन समीर ने बताया कि पिछले 24 घंटे के भीतर सारण में पुल ढहने की यह तीसरी घटना है। उन्होंने कहा, ‘जिले में इन छोटे पुलों के गिरने के कारणों का पता लगाने के लिए एक उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया गया है।’

पुल गिरने के जिम्मेदार अभियंताओं पर कार्रवाई।
- हाल के दिनों में बिहार में पुल गिरने की कई घटनाएं सामने आई हैं, करीब दर्जन भर पुल गिरे
- इनमें से कई पुल निर्माणाधीन थे, पुल गिरने की वजह भारी बारिश का होना बताया जा रहा है
- इन हादसों को नीतीश सरकार ने गंभीरता से लिया है, जिम्मेदार 17 इंजीनियर हुए निलंबित
Bihar Bridge Collaspe : बिहार में आए दिन पुल गिरने के हादसों के बाद राज्य सरकार हरकत में आ गई। बिहार सरकार ने शुक्रवार को पुल गिरने के जिम्मेदार 17 अभियंताओं को निलंबित कर दिया। जिन 17 अभियंताओं पर सरकार की गाज गिरी है, उनमें दो कार्यपालक अभियंता, चार सहायक अभियंता और 2 कनीय अभियंता शामिल हैं। दो अभियंता पहले से निलंबित थे। आने वाले दिनों में सरकार अन्य अभियंताओं पर भी कार्रवाई कर सकती है। बता दें कि बिहार में बीते 20 दिनों में एक दर्जन से ज्यादा पुलों के गिरने की बात सामने आई है। बिहार सरकार का कहना है कि जो पुल गिरें हैं उनमें छह पुराने और तीन निर्माणाधीन थे।
छह पुराने, 3 निर्माणाधीन पुल गिरेजल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चेतन प्रसाद ने कहा कि राज्य में हाल में 9 पुल ध्वस्त हुए जिनमें से 6 पुल पुराने थे। अधिकारी ने कहा कि रखरखा के अभाव में पुल ध्वस्त होने की बात सामने आई है। ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि पहले पुल अररिया में गिरा जहां चार अभियंता निलंबित किए गए। अररिया में 7 करोड़ रुपए की लागत से पुल बना था। दूसरा पुल मोतिहारी के घोड़ासहन में गिरा। यह निर्माणाधीन पुल था। इस पुल की लागत 1 करोड़ 60 लाख रुपए की थी। तीसरा पुल मधुबनी में गिरा। इसे 3 करोड़ 21 लाख रुपए की लागत में तैयार किया गया था। अधिकारी ने बताया कि बाकी पुल के बारे में जानकारी ली जा रही है।
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पुल हादसों पर खूब हो रही राजनीति
बिहार के पुल हादसों पर राजनीति भी खूब हो रही है। जद-यू और राजद के नेता इन हादसों के लिए एक-दूसरे को कसूरवार ठहरा रहे हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार कहा कि ग्रामीण कार्य विभाग 17 सालों तक जद-यू के पास था। अगर दूध का दूध और पानी का पानी साफ करना है तो जद-यू को पुलों की स्वीकृति, उनका टेंडर, शिलान्यास और उद्घाटन की सूची जारी कर देनी चाहिए। तेजस्वी ने कहा कि पेपर लीक कराने, पुल गिरने के लिए उन्हें जिम्मेदार बताया जा रहा है, अगर ऐसा है तो सरकार उन्हें गिरफ्तार कर ले।
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