सात नदियों का देश है खगड़िया, जानिए यहां बहने वाली नदियों के नाम

आपने बिहार के कई शहरों के बारे में जाना होगा, लेकिन बात जब यहां के खगड़िया की करें तो यह एक अलग पहचान रखता है। यह जगह अपने इतिहास, मंदिर, मक्का, मछली के लिए जाना जाता है। यहां बहने बाली 7 नदियां इसे औरों से अलग और खास बनाती हैं। आइए जानते हैं खगड़िया के बारे में-

खगड़िया में बहती हैं 7 नदिियां

बिहार का खगड़िया पहले मूंगेर का हिस्सा हुआ करता था। जिसके बाद साल 1981 में इसे अलग कर दिया गया। अलग होने के बाद खगड़िया ने अपनी अलग पहचान बनाई। खगड़िया का क्षेत्रफल 1,486 वर्ग किलोमीटर में फैला है। अगर यहां की जनसंख्या की बात करें तो साल 2011 के जनगणना के अनुसार इसकी कुल जनसंख्या 1666886 है। यहां कुल गांव की संख्या 306 है। अगर इसके नाम की बात करें तो आपको इसका नाम थोड़ा अजीब लगता होगा। खगड़िया का नाम खगड़ा नामक घास के नाम पर पड़ा है। कहा जाता है कि जब यहां आबादी कम थी तब यहां खगड़ा घास ज्यादा थे। वहीं इसका पुराना नाम फरकिया है। खगड़िया में एक दो नहीं, बल्कि पूरी सात नदिया बहती हैं। क्या आप जानते हैं कि ये सात नदियां कौन-कौन सी हैं ? अगर नहीं जानते हैं तो आइए आज यहां बहने वाली इन नदियों के बारे में जानते हैं।
यहां बहती हैं 56 धारा और उपधारा
बिहार का यह खगड़िया की कहानी बड़ी रोचक है। आपको पता ही है कि यह पहले मुंगेर का हिस्‍सा था। इसकी नपाई से पहले राजा टोडरमल ने इसे अलग कर दिया था। खगड़िया सात-सात नदियों से घिरे इस जगह पर चार नदियों का संगम में होता है। आपको बता दें कि 56 धारा और उपधारा बहती है। यही कारण है कि खगड़िया को नदियों का नैहर भी कहा जाता है। यहीं से बूढ़ी गंडक गोगरी के पास गंगा से संगम करती है। खगड़िया में कमला नदी भी सोनमनकी से आगे बागमती में मिलती है। यहां सोनवर्षा के पास बागमती का संगम कोसी नदी से होता है। वहीं बेलदौर के कंजरी-गवास गांव के पास काली कोसी नदी कोसी में मिल जाती है। इस कारण खगड़िया का अपना अलग महत्व है।
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