बेहद अनोखा इतिहास समेटे है खगड़िया, जानिए क्यों अकबर के दीवान ने रखा ये नाम

बिहार का खगड़िया। नाम सुनकर थोड़ा अजीब तो जरूर लगता होगा। आप भी सोचते होंगे कि खगड़िया, भला ये कैसा नाम है। तो आपको बता दें कि पहले इसका नाम कुछ और था, जो अकबर के दीवान ने रखा था। लेकिन बाद में यह खगड़िया कहा जाने लगा, लेकिन इस नाम के पीछे भी रोचक इतिहास छिपा है। आइए आज खगड़िया के बारे में जानते हैं-

बिहार का खगड़िया

बिहार के खगड़िया को साल 1981 में मुंगेर से अलग कर दिया गया। जिसके बाद खगड़िया ने अपनी अलग पहचान बनाई। खगड़िया का क्षेत्रफल 1,486 वर्ग km में फैला है। साल 2011 के जनगणना के अनुसार यहां की जनसंख्या 1666886 है। यहां कुल गांव की संख्या 306 है। खगड़िया में एक दो नहीं, बल्कि पूरी सात नदिया बहती हैं। राजा टोडरमल ने इसे एक अनोखा नाम दिया था। जो बाद में जाकर बदल गया। आज खगड़िया के नाम से जाना जाता है।

कैसे पड़ा नाम ?

आपको इसका नाम सुनकर थोड़ा अजीब तो जरूर लगता होगा। आप भी सोचते होंगे कि खगड़िया, भला ये कैसा नाम है। तो आपको बता दें कि खगड़िया का पहले नाम खगड़ा था। इस नाम के पीछे का कारण यह है कि यहां पहले खगड़ा नामक घास बहुत ज्यादा मात्रा में हुआ करता था। जिस वजह से लोग इसे खागड़ का एरिया यानी खगड़िया कहने लगे। वहीं इसका पुराना नाम फरकिया है। ये नाम इसे अकबर के दीवान ने दिया था।

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