Sonbhadra News: रेप केस में बीजेपी विधायक रामदुलार गोंड को 25 साल की सजा, 10 लाख रुपये का जुर्माना; गंवानी पड़ेगी सदस्यता

2014 में नाबालिग से रेप करने के मामले में एमपी-एमएलए अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। नाबालिग से रेप के दोषी दुद्धी से भाजपा विधायक रामदुलार गोंड़ को कोर्ट ने 25 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाना तय है।

BJP MLA Ramdular Gond

बलात्कार के मामले में भाजपा विधायक रामदुलार गोंड को 25 साल की सजा

तस्वीर साभार : भाषा

Sonbhadra News: सोनभद्र की एक एमपी-एमएलए अदालत ने शुक्रवार को दुद्धी विधानसभा क्षेत्र (अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट) से भाजपा विधायक रामदुलार गोंड को एक नाबालिग लड़की से नौ साल पहले बलात्कार करने के मामले में 25 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाना तय है। दरअसल जनप्रतिनिधित्व कानून के अनुसार, कोई भी जनप्रतिनिधि को दो या उससे अधिक साल की कैद होने पर ‘दोषसिद्धि’ की तारीख से सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य माना जाएगा। इतना ही नहीं, सजा पूरी होने के बाद अगले छह साल के लिए वह सदन की सदस्यता के लिए पात्र नहीं होगा।

रामदुलार गोंड दुद्धी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक

एमपी/ एमएलए अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ( एडीजे) एहसान उल्लाह खान ने अभियुक्त पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जो पीड़िता के पुनर्वास के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) सत्य प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि अदालत ने 12 दिसंबर को विधायक को दोषी करार दिया था और सजा सुनाने के लिए 15 दिसंबर (आज) की तारीख तय की थी। फैसला सुनाए जाने से पहले गोंड के वकील ने कम से कम सजा देने का आग्रह किया और अदालत को यह भी आश्वासन दिया कि बलात्कार पीड़िता के परिवार की पूरी देखभाल आरोपी द्वारा की जाएगी। गोंड उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के दुद्धी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक हैं।

त्रिपाठी ने बताया कि यह घटना चार नवंबर 2014 की है जिसमें भारतीय दंड संहिता की धाराओं 376 (दुष्कर्म), 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) और बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) के प्रावधानों के तहत विधायक पर मुकदमा दर्ज हुआ था। घटना के समय विधायक की पत्नी ग्राम प्रधान थीं। पीड़ित लड़की के भाई की तहरीर पर म्योरपुर थाना की पुलिस ने रामदुलार गोंड मामला दर्ज किया था। गोंड उस समय विधायक नहीं थे और मामले की सुनवाई पोक्सो अदालत में चल रही थी। गोंड के विधायक निर्वाचित होने के बाद मामले की सुनवाई सांसद/विधायक (एमपी/ एमएलए) अदालत में स्थानांतरित कर दी गई।

खचाखच भरी हुई अदालत में जब विधायक गोंड को सजा सुनाई गई तो उनकी गर्दन झुकी हुई थी और वह उदास थे। दूसरी तरफ पीड़िता के भाई ने अदालत के निर्णय पर संतोष जताते हुए कहा कि लंबे संघर्ष और उतार-चढ़ाव के बाद अंततः उन्हें न्याय मिला।

कई नेताओं को पहले भी किया गया हैं अयोग्य घोषित

उत्‍तर प्रदेश में इसके पहले भी कई जनप्रतिनिधियों को अदालत से सजा सुनाये जाने के बाद अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी। नफरत भरे भाषण मामले में अदालत द्वारा सजा सुनाये जाने के बाद अक्टूबर 2022 में रामपुर के समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक आजम खान और फरवरी 2023 में सरकारी काम में रुकावट पैदा करने एवं धरना-प्रदर्शन मामले में सजा सुनाये जाने के बाद स्‍वार के उनके विधायक पुत्र अब्दुल्ला आजम को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया गया था।

इसके अलावा 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के एक मामले में दो साल की कैद की सजा सुनाये जाने के बाद मुजफ्फरनगर के खतौली के भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी को अक्टूबर 2022 से उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके पहले बलात्कार के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उन्नाव के बांगरमऊ निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 2020 में उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। सेंगर को पहले ही भाजपा ने निष्कासित कर दिया था। इस साल मई की शुरुआत में उत्तर प्रदेश की एक अदालत द्वारा अपहरण और हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने और चार साल कैद की सजा सुनाये जाने के बाद गाजीपुर के बसपा सांसद अफजाल अंसारी को लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

वर्ष 2009 में फैजाबाद (अयोध्या) के समाजवादी पार्टी के सांसद मित्रसेन यादव को एक अदालत ने धोखाधड़ी के एक मामले में सात वर्ष की सजा सुनाई जिसके बाद उन्हें संसद सदस्य के रूप में अयोग्‍य घोषित किया गया था। फर्जी अंक पत्र मामले में एक अदालत द्वारा दोषी ठहराकर सजा सुनाये जाने के बाद अयोध्या जिले के गोसाईगंज के भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी को भी पिछले सत्र में अयोग्‍य घोषित किया गया था। इसके अलावा 19 अप्रैल 2019 को हमीरपुर के भाजपा विधायक अशोक चंदेल को हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाये जाने के बाद विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया गया था।

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