एक तरफ जहरीले सांप-बिच्छू और दूसरी तरफ पाकिस्तानी घुसपैठ, यहां कीचड़ में रेंगकर बॉर्डर की रक्षा करते हैं BSF जवान
बीएसएफ के जवानों की जिम्मेदारी पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी सीमाओं की रक्षा करना है। लेकिन क्या आपने बीएसएफ के जवानों को मगरमच्छ की तरह रेंगकर बॉर्डर की सुरक्षा करते देखा है? BSF के क्रोकोडाइल कमांडो की जिम्मेदारी बाण गंगा क्षेत्र में पाकिस्तानी घुसपैठ की नापाक कोशिशों को नाकाम करना है।
बीएसएफ के क्रोकोडाइल कमांडो
भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) को फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस (First Line of Defence) कहा जाता है। यह भारतीय सुरक्षा बलों का वह दस्ता है, जो पाकिस्तान बॉर्डर, LOC और बांग्लादेश बॉर्डर पर सीमाओं की रक्षा करता है। बीएसएफ के जवान बॉर्डर पर होने वाली किसी भी तरह की हलचल पर नजर रखते हैं। बीएसएफ के जवान नक्सल प्रभावित इलाकों में भी अपनी सेवाएं देते हैं। जहां तक बात बॉर्डर की है तो BSF ने सीमा रेखा के पास जगह-जगह अपनी पोस्ट बनाई हुई हैं। यह दुश्मन पर नजर रखते हैं और किसी भी तरह की घुसपैठ की कोशिश का करारा जवाब देते हैं। हालांकि, युद्ध के समय BSF को पीछे बुलाकर आर्मी को आगे भेजा जाता है। क्या आप जानते हैं कि सीमाओं की रक्षा करने वाली BSF के पास पानी या कहें दलदली इलाके में भी सीमा की रक्षा करने की जिम्मेदारी है। नहीं जानते तो कोई बात नहीं, चलिए जानते हैं -
पाकिस्तान बॉर्डर पर BSFBSF पाकिस्तान से लगी सीमा पर उत्तर में कश्मीर से लेकर गुजरात तक सीमा रेखा की रक्षा करती है। यहां BSF का काम बहुत ही चैलेंजिंग है, क्योंकि पाकिस्तान की तरफ से अक्सर घुसपैठ की कोशिशें होती रहती हैं। पाकिस्तानी धरती पर चलने वाले आतंकवादी कैंपों से अक्सर आतंकवादियों को सीमा रेखा से भारत में घुसपैठ कराया जाता है। ऐसे घुसपैठ की कोशिशों का BSF करारा जवाब देती है। लेकिन पाकिस्तान सीमा पर BSF का काम गुजरात में सबसे ज्यादा चैलेंजिंग है, जबकि यहां आतंकवादियों के घुसपैठ की कोशिशें बहुत कम होती हैं।
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BSF के क्रोकोडाइल कमांडो
तस्वीर साभार : Twitter
गुजरात में BSF का काम चैलेंजिंग क्योंदरअसल गुजरात के कच्छ में BSF को सर क्रीक इलाके में भी पेट्रोलिंग करनी होती है। सर क्रीक क्षेत्र को बाण गंगा भी कहा जाता है। यहां कुल 96 किमी का एक ऐसा क्षेत्र है जहां टाइड के दौरान समुद्र का पानी आ जाता है। यह सिंधु नदी के डेल्टा का क्षेत्र है, जो भारत और पाकिस्तान में फैला हुआ है। इस डेल्टा क्षेत्र के बीच में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर है। भारत और पाकिस्तान के बीच सर क्रीक क्षेत्र में भी सीमा रेखा को लेकर विवाद है। यहां दलदली इलाके में गश्त करना BSF के जवानों के लिए बड़ा चैलेंजिंग है। एक तरफ पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ पर नजर रखना और दूसरी तरफ यहां बहुत ही जहरीले रसेल वाइपर जैसे सांप और बिच्छुओं का घर भी है।
गश्त करते बीएसएफ जवान
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जून से सितंबर के बीच मानसून के दौरान यहां क्रीक क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति होती है और निचले इलाको में पानी भर जाता है। सर्दियों में यहां पर फ्लैमिंगो और अन्य प्रवासी पक्षी आ जाते हैं।
बीएसएफ के फ्लोटिंग पोस्टसर क्रीक एरिया ही ऐसा है, जहां पर BSF ने तैरते हुए पोस्ट बनाए हुए हैं। यहां BSF के क्रोकोडाइल कमांडो तैरते पोस्ट, पानी और जमीन दोनों पर चलने वाले वाहन (Amphibious Vehicles) और पैदल गश्त करते हैं। सर क्रीक के तटीय क्षेत्रों में भारतीय तट रक्षक बल (Indian Coast Guard) को तैनात किया जाता है। इसके आगे खुले समुद्र में भारतीय नौसेना की गश्त लगातार होती रहती है।
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क्रोकोडाइल कमांडो
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इस इलाके में बीएसएफ के क्रोकोडाइल कमांडो किसी मगरमच्छ की तरह रेंगकर और फूर्ति से अपने क्षेत्र की गश्त करते हैं। वह दुश्मन की हर हलचल पर नजर रखते हैं और किसी भी घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर देते हैं।
तट रक्षक बल
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सिक्योरिटी चैलेंज है सर क्रीक
सर क्रीक का क्षेत्र भारत के लिए सिक्योरिटी चैलेंज है। क्योंकि साल 2008 में पाकिस्तानी आतंकवादी समुद्र के रास्ते ही मुंबई तक पहुंच गए थे और यहां पहुंचकर उन्होंने जमकर खूनी खेल खेला था। साल 2018 में भी बीएसएफ को सर क्रीक के बंधा धोरा और हरामी नाला क्षेत्र से 14 नावें मिली थीं। इन सब की जांच की गई, ताकि पता लगाया जा सके कि यह साधारण मछुवारों की नावें हैं या आतंकवादियों की। इसी तरह सितंबर 2019 में भी बीएसएफ ने यहां से खाली नाव पकड़ी थी, जिसके बाद संभावित आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया गया था।
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Digpal Singh author
खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्...और देखें
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