सौर ऊर्जा का हब बनेगा बुंदेलखंड, यहां पर 800 मेगावॉट बिजली का होगा उत्पादन; 620 करोड़ से रोशन होंगे आपके घर

चित्रकूट में निर्माणाधीन 800 मेगावॉट सौर ऊर्जा प्लांट के सबस्टेशन और ट्रांसमिशन लाइन के लिए धनराशि मंजूर कर ली गई है। 620 करोड़ रुपये से सौर ऊर्जा परियोजना को और ताकत मिलेगी।

चित्रकूट: बुंदेलखंड में विकास की नई परियोजनाओं को उतारा जा रहा है। शुक्रवार कोनगर विकास और ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने बताया कि बुंदेलखंड सौर ऊर्जा के बहुत बड़े पोटेंशियल के रूप में उभर कर सामने आया है। वर्तमान में 4 हजार मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं क्रियान्वयन के अलग-अलग स्तर पर हैं। फिलहाल चित्रकूट में 800 मेगावॉट की परियोजना निर्माणाधीन है। इससे निकलने वाली ऊर्जा की निकासी भारत सरकार की ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के जरिए की जाएगी। इसके लिए 400/220 केवी और 500 एमवीए की दो लाइनें बनाई जाएंगी। इनके लिए मंत्रीपरिषद् से मंजूरी मिल गई है। इसकी लागत 619.90 करोड़ रुपए होगी। इससे सब स्टेशन और ट्रांसमिशन लाइनें बनाई जाएंगी।

भारत सरकार दे रही सहायता

भारत सरकार इसमें सहायता दे रही है। इसमें 33 प्रतिशत यानी 204.57 करोड़ रुपए भारत सरकार कैपिटल ग्रांट के रूप में देगी। वहीं 20 प्रतिशत यानी 23.98 करोड़ रुपए राज्य सरकार पूंजी इक्विटी के रूप में लगाएगी। साथ ही 47 प्रतिशत यानी 291.35 करोड़ रुपए जर्मनी की संस्था केएफडब्ल्यू से लोन लेकर इसको कार्यान्वित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के अंतर्गत 4000 करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट भारत सरकार ने मंजूर किये हैं, जिसके तहत ये कार्य भी हो रहा है।

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बनाएगा बिजली

296 किलोमीटर लंबे इस सड़क मार्ग के दोनों किनारों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। यह देश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे होगा। इस परियोजना के पूरा होने से लगभग एक लाख घरों को बिजली मिलेगी। इसके लिए व्यापक पैमाने पर जमीन अधिग्रहण के लिए चिह्नित कर ली गई है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे यूपी के 7 जिलों चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजरता है। इसी को बतौर सोलर एक्सप्रेसवे बनाने का प्रस्ताव पास है। इसके लिए 8 सोलर पॉवर डेवलपर्स टास्को, टोरेंट पावर, सोमाया सोलर साल्यूशन, आर मैनेजमेंट, अवाड़ा एनर्जी, एरिया वृंदावन पावर, एरियाश मोबिलिटी और महाप्राइट ने प्रजेंटेशन दिया है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर मुख्य मार्ग और सर्विस लेन के बीच 15 से 20 मीटर चौड़ी पट्टी वाला क्षेत्र पूरे एक्सप्रेसवे में खाली है। लिहाजा, इसी बेल्ट पर सोलर पैनल स्थापित कर 550 मेगावॉट सोलर पॉवर जेनरेट की जाएगी।

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