Chandigarh: खुलने वाली हैं मनाली और सोलन हाईवे की 14 सुरंगें, जानें चंडीगढ़ से मनाली जाने में लगेगा कितना समय

Chandigarh: चंडीगढ़ की तरफ से हिमाचल घूमने के लिए जाने वाले पर्यटकों के लिए राहत भरी खबर है। अप्रैल और मई माह से यहां पर 14 सुरंगे खुलने जा रही हैं। जिसके बाद जहां सफर आसान बन जाएगा, वहीं यात्रा समय में भी करीब तीन घंटे की बचत होगी। इनमें से फोरलेन किरतपुर-नेरचौक की 9 टनल और मनाली की 5 टनल खुलेगी।

बिलासपुर-मनाली हाईवे टनल

मुख्य बातें
  • अप्रैल और मई माह से खुलेंगे सभी हिल स्‍टेशन के ये सभी टनल
  • बिलासपुर-मनाली हाईवे और परवाणू-सोलन हाईवे भी जल्‍द ओपेन
  • अगले तीन साल में यहां तैयार किया जाएगा 37 टनल


Chandigarh: अगर आप चंडीगढ़ से घूमने के लिए हिमाचल जा रहे हैं तो अप्रैल माह से आप मनाली घूमकर आराम से वापस भी आ सकेंगे। क्‍योंकि अप्रैल माह से चंडीगढ़ से मनाली पहुंचने में सिर्फ तीन घंटे का समय लगेगा। इस हिली स्टेट में बन रही 37 सुरंगों में से फोरलेन किरतपुर-नेरचौक की 9 टनल और मनाली की 5 टनल खुल जाएंगी। इन टनल के खुलने के बाद चंडीगढ़ की तरफ से मनाली जाने वाले पर्यटकों का 3.50 घंटे का ट्रैवल टाइम बचेगा। इसके अलावा, परवाणू-सोलन हाईवे भी लगभग तैयार है। साथ ही बिलासपुर-मनाली हाईवे भी कुछ माह में तैयार हो जाएगा। इन दोनों हाईवे का मई-जून में खुलने की संभावना है। इनके खुलने के बाद 116 किमी की दूरी कम होगी।

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बता दें कि इस राज्‍य में बेहर कनेक्टिविटी देने के लिए 31 हजार करोड़ के बजट में 37 सुरंगें बनाई जा रही हैं। इन सभी को अगले 3 साल में पूरा करने का लक्ष्‍य रखा गया है। इनके बनने के बाद इस राज्‍य के हिल स्‍टेशनों में पहुंचना आसान हो जाएगा। निर्माण कार्य से जुड़े एनएचएआई अधिकारियों के अनुसार किरतपुर-नेरचौक हाइवे का 90 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो गया है, इसे अप्रैल माह तक खोल जा सकता है। इससे यहां आने वाले लोगों का जहां

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हिमाचल आने वाले पर्यटकों को होंगे ये फायदे बता दें कि हर साल मैदानी क्षेत्रों से लाखों पर्यटक मनाली व इस राज्‍य के अन्‍य हिल स्‍टेशनों पर घूमने जाते हैं। चंडीगढ़ से आगे बढ़ते ही पहाड़ी क्षेत्र शुरू हो जाता है। यहां की घुमावदार रास्‍ते पर ज्‍यादातर बच्‍चे और महिलाओं को उल्टी की समस्‍या होने लगती है। जिसकी वजह से यह सुहाना सफर दुखदायी बन जाता है। इसके अलावा गंतव्‍य तक पहुंचने में समय और फ्यूल भी बहुत लगता है। साथ ही खराब मौसम में लैंड स्लाइड व स्नो फॉल के कारण रोड बंद हो जाते हैं। ये सुरंगे पर्यटकों को इन सभी समस्‍याओं से राहत देंगी। हिमाचल एनएचएआई के क्षेत्रीय प्रभारी अब्दुल ने बताया कि इन सुरंगों के निर्माण में पर्यावरण के पहलुओं का बहुत ध्यान दिया गया है। यहां पर पानी और पहाड़ को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाया गया है। इन सुरंगों से जाते हुए पर्यटकों को नदी-पहाड़ का भी खूबसूरत नजारा दिखेगा।

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