चंडीगढ़ में 71 करोड़ से ज्यादा खर्च कर 154 किमी की वाटर लाइन बिछेगी, लेकिन ये पानी...
चंडीगढ़ में 154 किमी लंबी टर्शरी वाटर लाइन बिछाने के लिए 71 करोड़ रुपये से अधिक का टेंडर दिया गया है। इस लाइन के बिछ जाने से शहर में गार्डनिंग का शौक रखने वाले लोगों को फायदा होगा। इसके अलावा पार्कों में भी हरियाली बनाए रखने में आसानी होगी।



चंडीगढ़ में आसान होगी गार्डनिंग
चंड़ीगढ़ एक खूबसूरत शहर है। इस शहर की खूबसूरती को चार चांद लगाती है यहां की हरियाली। हरियाली के लिए यहां बड़े-बड़े पार्क हैं और पार्कों व सड़क के बीच डिवाइडर पर पेड़ लगाए गए हैं। शहर में रहने वाले लोग भी अपने घरों में हरियाली मेंटेन करते हैं और इस हरियाली को मेंटेन करने में पानी अच्छा खासा खर्च होता है। खासतौर पर गार्डनिंग के लिए चंडीगढ़ नगर निगम शहर में 154 किमी लंबी टर्शरी वाटर लाइन बिछाएगा।
फिलहार आधे शहर में टर्शरी लाइन बिछी हुई है। इसमें कुछ लाइनें पुरानी भी पड़ चुकी हैं, जिसके कारण वह बार-बार टूट जाती हैं और सड़कों पर टर्शरी वाटर बहने लगता है। बार-बार फटने वाली ऐसी पुरानी लाइनों को भी बदलने की योजना नगर निगम ने बनाई है। 71.54 करोड़ रुपये की इस टर्शरी वाटर लाइन बिछाने का टेंडर तिरुपति सीमेंट नोडक्ट को दिया गया है।
तिरुपति सीमेंट नोडक्ट 18 महीने का समय लेकर शहर में टर्शरी वाटर लाइन बिछाएगी। ऐसा होने से शहर में मौजूद सभी 1800 पार्कों, 54 ग्रीन बेल्ट और बड़े गार्डन के साथ ही एक कनाल से बड़ी कोठियों के लॉन तक टर्शरी वाटर पहुचेंगा। इस लाइन के बिछने से हर रोज करीब 25 मिलियन गैलन (MGD) टर्शरी वाटर की सप्लाई होगी। जबकि अभी मौजूदा समय में सिर्फ 7 एमजीडी टर्शरी वाटर ही शहर के पार्कों और ग्रीन बेल्ट के लिए आता है।
कहां बिछेगी टर्शनरी वाटर लाइनजिस टर्शरी वाटर की फिलहाल शहर में सप्लाई हो रही है, उसमें बदबू आती रहती है, जिसके कारण लोगों को समस्या होती है। यही कारण है कि नगर निगम ने सभी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट को अपग्रेड भी करवाया है। सेक्टर-28 के अंडर ग्राउंड रिजरवायर से राजिन्द्रा गार्डन तक बिछी पुरानी टर्शरी लाइन को भी पदलने की योजना है। यही नहीं इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 और 2 में भी टर्शरी वाटर लाइन बिछाई जानी है। चंडीगढ़ नगर निगम ने इसके लिए 92.38 करोड़ रुपये का ऑर्डर कॉल किया है। हालांकि, इसके टेंडर के लिए आई तिरुपति सीमेंट और ग्रोमा इंफ्रास्ट्रक्चर दोनों ही योग्य नहीं पाई गईं।
फाइनेंशियल बिड में तिरुपति सीमेंट ने 71.58 करोड़ की बोली लगाई, जबकि ग्रोमा ने 80.74 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। तिरुपति सीमेंट को टेंडर अलॉट कर दिया गया है और यही कंपनी कई सीवर ट्रीटमेंट प्लांट पर पंपिंग मशीनरी भी लगाएगी।
क्या होता है टर्शरी वाटरसीवर में बहाए जाने वाले गंदे पानी को सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में साफ किया जाता है। कई चरणों में साफ करके इस गंदे पानी से बदबू, बैक्टीरिया आदि को खत्म कर दिया जाता है। इस आखिरी चरण को टर्शरी स्टेज कहा जाता है। अब यह पानी पेड़-पौधों और गार्डनिंग के लिए सुरक्षित होता है। इसी पानी को टर्शरी वाटर कहा जाता है। इस पानी को पीने के लिए इस्तेमाल में नहीं लाया जा सकता। लेकिन गार्डनिंग में इस पानी के इस्तेमाल से पीने के पानी की भी बचत होगी, जिसे अभी शहर के लोग गार्डनिंग में भी इस्तेमाल कर लेते हैं।
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