हरियाणा-पंजाब की 'नस' में जहर घोल कर गई दिवाली; मर गई हवा की क्वालिटी; सासों पर गहरा रहा संकट

Air pollution: दिल्ली-एनसीआर की हवा में जहर घोल रहे प्रदूषण ने हरियाणा-पंजाब को भी गिरफ्त में ले लिया है। खासकर, दिवाली की रात हुई आतिशबाजी से हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है। ऐसे में लोगों सांस संबंधी तकलीफें हो रही हैं।

हरियाणा-पंजाब में प्रदूषण

मुख्य बातें
  • हरियाणा-पंजाब में बढ़ा प्रदूषण का स्तर
  • 336 के पार पहुंचा एक्यूआई
  • खराब हवा से लोगों को हो रही सांस संबंधी दिक्कतें

Air pollution: हरियाणा में कई स्थानों पर गुरुवार दिवाली की रात वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘खराब’ और ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। पंजाब के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में भी कई स्थानों पर एक्यूआई ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के समीर ऐप द्वारा घंटे के आधार पर जारी राष्ट्रीय एक्यूआई के मुताबिक दिवाली की रात 11 बजे हरियाणा के गुरुग्राम में एक्यूआई 322, जींद में 336 और चरखी दादरी में 306 दर्ज किया गया। लगातार बिगड़ती हवा की गुणवत्ता से लोगों को सांस संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पीएम 2.5 एक सूक्ष्म कण है जो श्वसन तंत्र में गहराई तक प्रवेश कर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं, खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और उन लोगों में जिन्हें पहले ही सांस संबंधी बीमारी हैं।

कहां कितना प्रदूषण

इस साल दिवाली पर शहर में प्रदूषण का स्तर फिर से अपने चरम पर पहुंच गया। प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों, पराली जलाने और वाहनों से निकलने वाले धुएं के कारण स्थिति और खराब हो गई। लिहाजा राज्य के अंबाला में 201, बहादुरगढ़ में 292, भिवानी में 278, बल्लभगढ़ में 211, फरीदाबाद में 245, कुरुक्षेत्र में 270, पंचकूला में 202, रोहतक में 222 और सोनीपत में एक्यूआई 258 दर्ज किया गया। आंकड़ों के मुताबिक बृहस्पतिवार रात 11 बजे चंडीगढ़ का एक्यूआई 239 दर्ज किया गया। इसी प्रकार पंजाब के जालंधर में रात 11 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 256 रहा जबकि लुधियाना में यह 234, मंडी गोबिंदगढ़ में 266 और पटियाला में 244 दर्ज किया गया। मौसम विभाग द्वारा तय पैमाने के मुताबिक, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बहुत खराब’ तथा 401 से 500 को ‘गंभीर’ माना जाता है।

दिल्ली-एनसीआर में पटाखों ने घोला जहर

इधर, दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर बैन के आदेश का जमकर उल्लंघन किया गया। सबसे ज्यादा पूर्वी और पश्चिमी दिल्ली से आतिशीबाजी की खबरें सामने आईं, जिस कारण दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ गया और हवा में धुएं की चादर छाई हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली में सांस की बीमारियों का खतरा काफी बढ़ गया है। लोगों को सांस संबधी दिक्कतें हो रही हैं और हवा की गुणवत्ता डेंजर जोन की तरफ बढ़ रही है।

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