ये पराठा नहीं, यमराज का दूत है... कैंसर का नुस्खा है... जानें पराठे को ऐसा क्यों कह रहे लोग

पराठे तो आपने आज तक कई तरह के खाए होंगे, लेकिन ऐसा पराठा न खाया होगा, न कभी सुना होगा। इस पराठे के बारे में कहा जा रहा है कि यह कैंसर का नुस्खा है... चलिए जानते हैं आखिर क्या है इस पराठे की सच्चाई और क्यों इसके वीडियो को सोशल मीडिया से डिलीट कर दिया गया है।

Diesel Paratha

कैंसर का नुस्खा है ये पराठा

सुबह-सुबह पराठा खाने को मिल जाए तो फिर दिन बन जाता है। भारतीय व्यंजनों में पराठा बहुत ही मशहूर है। आपने प्याज, आलू, पनीर, गोभी जैसे कई स्टफिंग के पराठे खाए होंगे। पराठे को सेकने के लिए भी सरसों के तेल से लेकर वैजिटेबल ऑयल, मक्खन, घी और वेजिटेबल बटर तक का इस्तेमाल होता है। लेकिन एक पराठा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे लोग यमराज का दूत और कैंसर का नुस्खा कह रहे हैं, ऐसा क्यों चलिए जानते हैं -
दरअसल जिस पराठे को लोग यमराज का दूत और कैंसर का नुस्खा कह रहे हैं, वह असल में बहुत ही खतरनाक है। बताया जा रहा है कि इस पराठे को बनाने वाला शख्स पराठे को घी, मक्खन में नहीं बल्कि डीजल में सेंकता है। जी हां, आपने सही सुना.. इस पराठे को डीजल में सेंका जाता है। यही वजह है कि लोग इस पराठे को यमराज का दूत और कैंसर का नुस्खा कहकर पुकार रहे हैं।
नेबुला वर्ल्ड नाम के एक नेटिजन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर यह वीडियो शेयर किया था। इस वीडियो में रसोइया पराठे को तलने के लिए डीजल का इस्तेमाल करते हुए दिखाई दे रहा था। नेबुला वर्ल्ड ने स्वयं इसे कैंसर का इसली नुस्खा (पेट्रोल-डीजल वाला पराठा) कहा है।
यह वीडियो चंडीगढ़ का बताया जा रहा है। वीडियो में पराठे बनाने वाला शख्स बबलू कहता सुनाई दे रहा था कि वह 35 साल से पराठे बना रहा है। वीडियो को सोमवार रात तक करीब 4 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका था। हालांकि, अब इस वीडियो को डिलीट कर दिया गया है। अपडेट के तौर पर लिखा गया है कि वायरल वीडियो के आधार पर जरूरी कार्रवाई कर ली गई है और वीडियो को हटा लिया गया है।
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Digpal Singh author

खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्लोमा करने के बाद मीडिया जगत में दस्तक दी। कई अखबार...और देखें

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