Punjab News : बारिश से फसल नष्ट होने पर मजदूरों को मिलेगा मुआवजे का 10 प्रतिशत, CM ला रहे विशेष योजना
Punjab News : पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा है कि नियोजित मजदूरों को हिस्सा दिलाने का फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि जब बारिश होती है तो इसका असर किसान और खेतिहर मजदूर दोनों पर पड़ता है।
भगवंत मान ने खेतिहर मजदूरों के लिए ऐलान किया है। (प्रतीकात्मक फोटो)
Punjab News : 'जब भी कभी बारिश से फसल नष्ट होती है तो जितना नुकसान किसान को होता है उतना ही नुकसान खेतिहर मजदूरों को भी होता है।' ये कहना है पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का। वे शुक्रवार को लुधियाना में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि फसल क्षति के लिए कुल मुआवजे का 10 प्रतिशत अब किसानों द्वारा नियोजित मजदूरों को भी दिया जाएगा। बता दें कि चंडीगढ़ के बाहर राज्य मंत्रिमंडल की यह पहली बैठक थी। बैठक राज्य की राजधानी से लगभग 100 किमी दूर लुधियाना के सर्किट हाउस में आयोजित की गई।
इसलिए लिया गया फैसला
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा है कि नियोजित मजदूरों को हिस्सा दिलाने का फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि जब भारी बारिश या ओलावृष्टि होती है तो उससे फसल खराब हो जाती है, जिसका प्रभाव किसान पर तो पड़ता ही है साथ ही साथ खेतिहर मजदूर भी रोजी-रोटी खो देते हैं। इसलिए ये जरूरी है कि फसल नष्ट होने पर जो मुआवजा किसानों को मिलता है उसका 10 फीसदी खेतिहर मजदूरों को भी दिया जाए। योजना को किस प्रकार से लागू किया जाएगा, इस संबंध में बताते हुए भगवंत मान ने कहा है कि राज्य सरकार जल्द सभी खेतिहर मजदूरों का पंजीकरण शुरू करेगी क्योंकि उनमें से बहुत कम पंजीकृत हैं और वे राज्य और केंद्र सरकारों की योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं।
खेतिहर मजदूरों के लिए विशेष व्यवस्था
मंत्रिमंडल के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए भगवंत मान ने कहा है कि हमने तय किया है कि बेमौसम बारिश या ओलावृष्टि से किसानों की फसल खराब होने पर सरकार जो भी मुआवजा देगी, उसका 10 प्रतिशत मुआवजा खेतिहर मजदूरों को दिया जाएगा। वे बोले कि उदाहरण के लिए, यदि फसल क्षति मुआवजे के रूप में 15,000 रुपये प्रति एकड़ दिए जाते हैं, तो 1,500 रुपये उन खेतिहर मजदूरों को दिए जाएंगे जो खेतों में काम करने वाले थे, लेकिन बारिश के कारण फसल खराब होने के कारण ऐसा नहीं कर पाए। हमने अपने अधिकारियों को लेबर चौक, निर्माण स्थल और ग्रामीण क्षेत्रों में जाने तथा मौके पर उनका पंजीकरण करने को कहा है।
चंडीगढ़ में नहीं होंगी बैठकें
पंजाब के सीएम ने अब ये फैसला लिया है कि मंत्रिमंडल की अधिकतर बैठकों को अब से चंडीगढ़ में न आयोजित कर उसके बाहर रखा जाएगा। इस दौरान उन्होंने चंडीगढ़ के बाहर होने वाली बैठकों को ‘सरकार तुहाडे द्वार’ शीर्षक दिया। इसके फायदों के बारे में बताते हुए मान ने कहा है कि अगर चंडीगढ़ में बैठकें नहीं होंगी तो इससे अधिकारियों और मंत्रियों को लोगों की शिकायतें सुनने, सुझाव लेने और उनके मुद्दों को मौके पर हल करने का मौका मिलेगा। मान ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद लुधियाना में कहा, मंत्रिमंडल की बैठकें मोगा, मानसा और होशियारपुर जैसे विभिन्न स्थानों पर आयोजित की जाएंगी। हम इन्हें एक बड़े गांव में भी आयोजित कर सकते हैं। जहां यह आयोजित होंगी, वहां सरकार के प्रतिनिधि एक दिन बिताएंगे।
(भाषा इनपुट के साथ)
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