Famous Temple in Chandigarh: चंडीगढ़ के इस मंदिर में मौजूद है 3 किमी लंबी गुफा, 200 साल पुराने इस मंदिर की दूर-दूर तक मान्यता
Famous Temple to Visit in Chandigarh: चंडीगढ़ से सटे पंचकूला में स्थित माता मनसा देवी मंदिर की मान्यता दूर-दूर तक फैली है। कहा जाता है कि, जिस जगह पर आज मां मनसा देवी का मंदिर स्थित है, यहां पर सती माता के मस्तक का आगे का हिस्सा गिरा था। मनसा देवी के मंदिर को पहले मां सती के मंदिर के नाम से जाना जाता था। माता मनसा देवी सिद्ध शक्तिपीठ पर मंदिर का निर्माण मनीमाजरा के राजा गोपाल सिंह ने कराया था।
माता मनसा देवी मंदिर
- मनोकामना पूरी होने पर राजा ने 1815 में कराया था मंदिर का निर्माण
- राज महल से मंदिर तक आने के लिए बनवाई थी 3 किमी लंबी गुफा
- माता सती का मस्तक गिरने पर स्थापित हुआ माता मनसा देवी सिद्ध शक्तिपीठ
Famous Temple in Chandigarh: नए साल पर अगर आप अपने परिवार के साथ चंडीगढ़ या इसके आस-पास के क्षेत्र में मौजूद हैं तो यहां के पंचकूला के प्रसिद्ध माता मनसा देवी मंदिर पहुंचकर मां के दर्शन जरूर करें। इस मंदिर का इतिहास बहुत ही प्रभावशाली और मान्यताओं से भरा हुआ है। मां की ख्याति इतनी है कि यहां पर चैत्र और आश्विन मास के नवरात्रों में कई राज्यों से लाखों भक्त पहुंचते हैं। यहां पर लोग माता से अपनी मनोकामना को पूरा करने के लिए आशीर्वाद लेते हैं। मान्यता है कि सच्चे मन से माता मनसा देवी से मांगी गई हर मनोकामना पूरी हो जाती है।
मनोकामना पूरी होने पर 200 साल पहले राजा ने बनवाया था मंदिरमाता मनसा देवी का इतिहास बहुत प्राचीन है। अन्य सिद्ध शक्तिपीठों की तरह माता मनसा देवी सिद्ध शक्तिपीठ पर बने इस मंदिर का निर्माण मनीमाजरा के राजा गोपाल सिंह ने करीब दो सौ साल पहले सन् 1815 में अपनी मनोकामना पूरी होने पर कराया था। उस समय मंदिर के निर्माण में चार साल का समय लगा था। धार्मिक मान्यता के अनुसार जिस जगह पर आज मां मनसा देवी का मंदिर स्थित है, यहां पर सती माता के मस्तक का आगे का हिस्सा गिरा था। मनसा देवी के मंदिर को पहले मां सती के मंदिर के नाम से जाना जाता था। इस मंदिर से जुड़ा एक रहस्य यह है कि इसमें करीब 3 किलोमीटर लंबी गुफा भी है। मनीमाजरा के राजा गोपालदास ने अपने किले से मंदिर तक पहुंचने के लिए इस गुफा को बनवाया था। वे रोज इसी गुफा से मां सती के दर्शन के लिए परिवार समेत आते थे।
महालक्ष्मी, मनसा देवी और सरस्वती देवी एक साथ करती हैं निवासमंदिर के गर्भगृह में माता की मूर्ति स्थापित हैं। मूर्ति के आगे तीन पिंडिया हैं, जिन्हें मां का स्वरूप माना जाता है। ये तीनों पिंडों को महालक्ष्मी, मनसा देवी और सरस्वती देवी के नाम से जाना जाता है। मंदिर की परिक्रमा परिसर में भगवान गणेश, हनुमान, द्वारपाल, वैष्णो देवी, भैरव की मूर्तियां और शिवलिंग स्थापित है। इस मंदिर की देखरेख हरियाणा सरकार खुद करती है। इस मंदिर में नए साल पर भी हजारों भक्तों की भीड़ उमड़ती है।
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