Punjab: किसानों के लिए बड़ी खबर, खराब फसलों के लिए मुआवजा मिलना हुआ शुरू, CM मान ने बांटे चेक
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मौके पर कहा कि उनकी सरकार ने पावरकॉम को मज़बूत करने के लिए बेमिसाल पहलें की हैं। भगवंत मान ने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार सरकार ने पिछले साल की 20,200 करोड़ रुपए की सारी बकाया सब्सिडी जारी कर दी है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित बनाना है कि पी.एस.पी.सी.एल. लोगों की समर्पित भावना से सेवा करे।
पंजाब में खराब फसलों के लिए मुआवजा मिलना हुआ शुरू
- सीएम भगवंत मान ने खुद किसानों को मुआवजे के चेक बांटे
- राज्य सरकार ने पहले दिन 40 करोड़ रुपए की मुआवज़ा राशि बांटी
- सीएम मान ने पिछली सरकारों पर जमकर हमला बोला
इस कार्यक्रम के दौरान सीएम मान ने कहा- "आज के दिन को ख़ुशी वाला दिन नहीं कहा जा सकता, क्योंकि मैं प्रकृति के कहर के कारण किसानों के हुए नुकसान की भरपायी करने के लिए यहां आया हूं। संकट की इस घड़ी में प्रभावित हुए लोगों खासकर किसानों को राहत देने के लिए आपकी सरकार दृढ़ वचनबद्ध है।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगातार बारिश हाने के बाद उन्होंने जमीनी स्तर पर हालात का जायजा लेने के लिए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था। भगवंत मान ने कहा कि खराब मौसम के कारण किसानों को हुए भारी नुकसान को देखकर उनका मन दुखी है। उन्होंने कहा कि इसके तुरंत बाद राज्य सरकार ने लोगों के हुए नुकसान का पता लगाने के लिए व्यापक स्तर पर विशेष गिरदावरी करने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार की गिरदावरी में पिछली सरकार के मुकाबले निर्णायक परिवर्तन हुआ है, क्योंकि पहले केवल खोखले दावे ही होते थे और जमीनी स्तर पर लोगों को कोई मुआवजा नहीं दिया जाता था। भगवंत मान ने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान गिरदावरी केवल राजनीतिक रसूखवान लोगों की मर्जी पर निर्भर होती थी, जिस कारण किसी भी असली लाभार्थी को मदद नहीं मिलती थी। उन्होंने कहा कि ऐसी गिरदावरियां खेतों में जाकर करने की बजाय अमीर लोगों के घरों में ही पूरी कर ली जाती थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने किसानों को फसलों के हुए नुकसान की मुआवजा राशि में 25 प्रतिशत वृद्धि की है। यदि नुकसान 75 प्रतिशत से अधिक होता है तो राज्य सरकार किसानों को 15,000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा देगी। इसी तरह उन्होंने कहा कि यदि नुकसान 33 से 75 प्रतिशत तक होता है तो किसानों को 6800 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा। इसी तरह भगवंत मान ने कहा कि कृषि मज़दूरों को भी नुकसान का उपयुक्त मुआवजा दिया जाएगा, जिससे उनको कोई मुश्किल पेश न आए। उन्होंने कहा कि घरों के थोड़े-बहुत नुकसान का भी मुआवजा दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार फसलों के हुए नुकसान के 20 दिनों के अंदर मुआवज़ा बांटने की मुहिम शुरू की गई है, क्योंकि इससे पहले की किसी भी सरकार ने इस संबंधी बिलकुल भी फिक्र नहीं की। मुख्यमंत्री ने व्यंग्य करते हुए कहा- "पिछली सरकारों के दौरान मुआवजे में इतनी देरी हुई थी कि ज़्यादातर मंत्री और विधायक यह भूल ही जाते थे कि वह कौन सी फसल के मुआवजे के चेक बांट रहे हैं। अब आपकी सरकार में फसल अभी खेतों में है, परन्तु पैसा खातों में डाल दिया गया है।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि बारिश के कारण किसानों की फसल के हुए नुकसान के लिए केंद्र को मुआवजा देने के लिए मिन्नतें करने की बजाय गेहूं के टूटे और सिकुड़े दानों पर भारत सरकार द्वारा मूल्य में से की जा रही कटौती के कारण किसानों पर पड़े आर्थिक बोझ का सारा खर्चा राज्य सरकार वहन करेगी। उन्होंने कहा कि लगातार बारिश के कारण किसानों का भारी नुकसान हुआ है, परन्तु केंद्र सरकार की बेरुखी ने किसानों का हाल जानने के लिए कुछ नहीं किया, बल्कि किसानों के ज़ख्मों पर नमक छिडक़ने के लिए केंद्र ने खऱाब हुए अनाज के मूल्य में कटौती कर दी।
राज्य सरकार के विरुद्ध बेबुनियाद बयान देने के लिए अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल की सख़्त आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का हरेक फैसला आम आदमी के भले के लिए होता है। उन्होंने पूर्व उप मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि जो व्यक्ति खुद दोपहर 12 बजे जागता है, वह कभी भी दफ्तरों का समय सुबह 7.30 से दोपहर 2 बजे तक बदलने के लाभ की उम्मीद नहीं लगा सकता। भगवंत मान ने कहा कि इन नेताओं की लोक विरोधी मानसिकता के कारण लोगों ने इन्हें बुरी तरह से नकार दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पावरकॉम को मज़बूत करने के लिए बेमिसाल पहलें की हैं। भगवंत मान ने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार सरकार ने पिछले साल की 20,200 करोड़ रुपए की सारी बकाया सब्सिडी जारी कर दी है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित बनाना है कि पी.एस.पी.सी.एल. लोगों की समर्पित भावना से सेवा करे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने अब तक राज्य भर में 28,000 से अधिक नौजवानों को सरकारी नौकरियां दी हैं। उन्होंने कहा कि समूची भर्ती प्रक्रिया के दौरान केवल मैरिट और पारदर्शिता को आधार बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि राज्य सरकार विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षण देने के लिए ऊंचे दर्जे के 10 केंद्र खोलेगी। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर और अन्य भी उपस्थित थे।
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