सरस्वती सिर्फ नदी नहीं हमारी संस्कृति, बिप्लब कुमार देब बोले-हरियाणा सरकार का कदम सराहनीय

हरियाणा सरकार सरस्वती नदी को पुनर्जीवन देने में जुटी है। हाल ही में हरियाणा के प्रभारी और त्रिपुरा के पूर्व सीएम रहे बिप्लब कुमार देब ने स्थलीय निरीक्षण किया था।

बिप्लब कुमार देब, राज्यसभा सांसद, हरियाणा बीजेपी प्रभारी

saraswati river story: सरस्वती के नदी के बारे में कहा जाता है कि वर्तमान में घग्घर हाकरा का पाट है। विलुप्त हो चुकी इस नदी की खोज के बारे में अलग अलग तरह से प्रयास जारी हैं। हरियाणा सरकार का कहना है कि यह नदी हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा रही है। हरियाणा बीजेपी के प्रदेश प्रभारी, त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य श्री बिप्लब कुमार देब ने सरस्वती नगर में पंचकूला-यमुनानगर हाईवे के ऊपर सरस्वती नदी का स्थलीय जायजा लिया। न्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में जिस तरह से हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सरस्वती नदी को पुनर्जीवित करने के प्रयास में जुटे हुए हैं। उस दिशा में सरस्वती हेरिटेज डेवलपमेंट बोर्ड का गठन किया है जो पूरे देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में एक उदाहरण है। सरस्वती नदी भारत देश की आस्था का केंद्र है। इस दर्द को समझते हुए ही हरियाणा के सीएम ने इस बोर्ड का गठन किया।

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हरियाणा सरकार का सराहनीय पहल

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बिप्लब कुमार देब ने कहा कि हमारे शास्त्रों के अनुसार यमुना, गंगा और सरस्वती तीन बड़ी नदियां मानी जाती है इसमें से ऋग्वेद में सरस्वती का 77 बार वर्णन आता है। मां सरस्वती के प्रति लोगों में श्रद्धा है। उन्हें सरस्वती नदी के तट पर असीम खुशी हो रही है। सरस्वती नदी के दोबारा प्रवाहमान होने से इस इलाके के किसानों का फायदा होगा क्योंकि जिस क्षेत्र से सरस्वती बहती है, उसी क्षेत्र में यह डार्क जोन बना हुआ है। इस प्रोजेक्ट में सरकार आदि बद्री में एक डैम एक बैराज व 350 एकड़ में जलाशय बनाकर सरस्वती में पानी बहाने की योजना पर कार्य कर रही है, जिसकी जितनी तारीफ की जाए कम है।

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