Haryana Conclave: भविष्य में सभी शहर होंगे स्मार्ट, जानिए कैसे काम करेगा ‘हरियाणा मॉडल’

Haryana Conclave: हरियाणा कॉन्क्लेव के उद्घाटन पर मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि भविष्य की जटिलताओं से निपटने के लिए शहरों का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना होगा। साथ ही पारंपरिक दृष्टिकोण से आगे बढ़ते हुए नई बस्तियों के लिए सतत विकास का मॉडल अपनाना होगा।

हरियाणा कॉन्क्लेव

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने सोमवार को शहरी विकास के लिए राज्य के दृष्टिकोण में बड़े परिवर्तन की आवश्यकता पर बल देते हुए हितधारकों से नवोन्मेषी समाधान अपनाने और बदलते डायनामिक्स के अनुरूप ढलने का आग्रह किया। साथ ही ऐसे कई प्रमुख क्षेत्रों की भी पहचान की, जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। संजीव कौशल केंद्रीय आवास और शहरी मामले मंत्रालय की उच्च स्तरीय समिति और हरियाणा के नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग द्वारा शहरी नियोजन पर आयोजित हरियाणा कॉन्क्लेव का उद्घाटन करने के बाद नगर योजनाकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा हजारों वर्षों की प्राचीन विरासत को समेटे हुए है। राखीगढ़ जैसे स्थल हमारे पूर्वजों की अनूठी शहरी नियोजन क्षमता का प्रमाण हैं। ये पुरातात्विक चमत्कार हमें बताते हैं कि हमारे पूर्वजों ने सतत शहरी विकास को कितना महत्व दिया था। वर्तमान की बात करें तो मैं हरियाणा के शहरी परिदृश्य को आकार देने में नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग की भूमिका की सराहना करता हूं।

ब्राउनफील्ड डेवलपमेंट को मिले प्राथमिकता

मौजूदा संसाधनों के कुशलतापूर्वक उपयोग के महत्व पर बल देते हुए मुख्य सचिव ने ग्रीनफील्ड परियोजनाओं पर ब्राउनफील्ड डेवलपमेंट को प्राथमिकता देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमें शहरों में कम उपयोग वाली भूमि के पुनर्विकास, पारगमन-उन्मुखी विकास को बढ़ावा देने और स्थायी बुनियादी ढांचे का उन्नयन सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यातायात की बढ़ती भीड़ और प्रदूषण की चुनौतियों का जिक्र करते हुए मुख्य सचिव ने शहरी परिवहन प्रणालियों की व्यापक समीक्षा का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमें स्मार्ट ट्रैफिक प्रबंधन, एकीकृत सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क और साइकिल और पैदल चलने को बढ़ावा देने जैसे नवीन समाधान तलाशने की जरूरत है। हमारा ध्यान पैदल यात्री-अनुकूल स्थान विकसित पर होना चाहिए जहां कारों से अधिक लोगों को प्राथमिकता मिले।

सतत विकास मॉडल अपनाया जाए

पारंपरिक दृष्टिकोण से आगे बढ़ते हुए मुख्य सचिव ने नई बस्तियों के लिए सतत विकास मॉडल अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन मॉडलों में शुरुआत से ही ग्रीन स्पेस, जल संरक्षण उपाय और ऊर्जा-कुशल डिजाइन शामिल किए जाने चाहिए। मुख्य सचिव ने भूमि अधिग्रहण की जटिलताओं को समझते हुए लचीले दृष्टिकोण पर जोर देते हुए कहा कि एक ही जैसी नीति सभी शहरी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती है। इसलिए हमें लैंड पूलिंग, सार्वजनिक-निजी भागीदारी और भूमि मालिकों को विकास परियोजनाओं में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करने जैसे विकल्प तलाशने चाहिए।
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