Kisan Andolan: किसानों के दिल्ली कूच से गर्माया माहौल; अंबाला में इंटनरेट सेवाएं बंद; इतनों दिनों तक प्रतिबंध

Kisan Andolan: किसान आंदोलन को देखते हुए हरियाणा ने छह दिसंबर से नौ दिसंबर तक अंबाला जिले के कई गांवों में मोबाइल इंटरनेट, एकसाथ कई एसएमएस भेजने पर प्रतिबंध लगाया। आज यानी शुक्रवार से 9 दिसंबर तक इंटरनेट सेवा बंद रहेगी। प्रदेश सरकार की ओर से आदेश जारी किए गए हैं।

internet services shut down in Ambala

अंबाला में इंटरनेट सेवा बंद!

Kisan Andolan: पंजाब और हरियाणा भारी संख्या में किसान दिल्ली कूच के लिए पैदल मार्च पर निकले हैं। शंभू बॉर्डर के आसपास किसानों का जमावड़ा है। अब किसान आंदोलन को देखते हुए अंबाला जिले में शंभू बार्डर के आसपास कई इलाकों में इंटनरेट सेवाएं बंद की गईं है। आज यानी शुक्रवार से 9 दिसंबर तक इंटरनेट सेवा बंद रहेगी। प्रदेश सरकार की ओर से आदेश जारी किए गए हैं। अंबाला के डंगदेहरी, लोहगढ़, मानकपुर, डडियाना, बारी घेल, लहर्स, कालू माजरा, देवी नगर, सद्दोपुर, सुल्तानपुर और काकरू में इंटरनेट सेवा बंद रहेगी। मोबाइल इंटरनेट, एकसाथ कई एसएमएस भेजने पर प्रतिबंध लगाया है।

एमएसपी की गारंटी को लेकर प्रदर्शन

किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित कुछ मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए मार्च कर रहे हैं। हरियाणा की सीमा पर भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। अंबाला जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत एक आदेश जारी किया है। इस धारा के तहत जिले में पांच या अधिक व्यक्तियों की किसी भी गैरकानूनी सभा पर रोक है।

स्कूल भी बंद

अंबाला के जिला शिक्षा अधिकारी सुरेश कुमार ने कहा कि शुक्रवार को सरकारी और निजी स्कूल बंद रहेंगे। राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर शंभू बॉर्डर बिंदु - राजपुरा (पंजाब)-अंबाला (हरियाणा) पर पहले से ही बहुस्तरीय अवरोधक लगाए गए हैं। शंभू बॉर्डर पर पानी की बौछारें करने की भी व्यवस्था की गई है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मार्च शुरू करने वाले 101 किसानों को ‘मरजीवड़ा’ (ऐसे लोग जो किसी मकसद के लिए जान भी देने को तैयार हों) कहा। पंधेर ने कहा कि मार्च ‘‘शांतिपूर्ण तरीके’’ से निकाला जाएगा। उन्होंने हरियाणा प्रशासन द्वारा पैदल मार्च पर रोक लगाए जाने की आलोचना की। उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि किसान अपने साथ कोई ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं ले जाएंगे

ये हैं मांगें

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) एवं किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में इससे पहले पैदल दिल्ली कूच करने की घोषणा की थी। उनकी मांगों में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और कई अन्य मांग शामिल हैं। सुरक्षा बलों द्वारा दिल्ली की ओर मार्च करने से रोके जाने के बाद वे 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। इस बीच, एसकेएम नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने खनौरी बॉर्डर बिंदु पर अपना आमरण अनशन जारी रखा। किसान एमएसपी के अलावा कर्ज माफी, किसानों एवं खेत मजदूरों के लिए पेंशन और बिजली दरों में बढ़ोतरी न करने की मांग कर रहे हैं। वे 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय’’, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने की भी मांग कर रहे हैं।

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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

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