हरियाणा के दो नगर निगमों में 1100 करोड़ का घोटाला, जानें किसने लगाया यह आरोप और कौन से हैं वो दो निगम

स्थानीय निकाय में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है, हर कागज और हर काम से भ्रष्टाचार की बू आती है, क्योंकि भ्रष्टाचार हुआ है। ये हम नहीं कह रहे। ये बातें कहीं हैं, कांग्रेस की नेता और सांसद कुमारी सैलजा ने। कुमारी सैलजा ने भ्रष्टाचार पर नियंत्रण का दावा करने के लिए भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए गंभीर आरोप लगाए।

haryana muncipal corporation may be involve in corruption

कुमारी सैलजा ने सरकार पर लगाया भ्रष्टाचार के आरोप

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा के स्थानीय निकायों में करीब 1400 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया। भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए सैलजा ने कहा कि स्थानीय निकाय भ्रष्टाचार के केंद्र बन गए हैं, जहां रिश्वत दिए बिना कोई काम नहीं हो सकता।

लगाए गंभीर आरोप

कुमारी सैलजा ने सोमवार, 24 मार्च को मीडिया में एक बयान जारी करके कहा कि भाजपा सरकार भ्रष्टाचार पर काबू पाने का दावा कर रही है, जबकि हालात इसके ठीक उलट हैं। प्रदेश के 62 करोड़ निकायों में करीब 1395 करोड़ रुपये की गड़बड़ी सामने आई है। अधिकारियों ने कामकाज के लिए एडवांस तो लिया पर उसे कहां खर्च किया गया, इसका कोई हिसाब नहीं दिया गया है। कुमारी सैलजा के अनुसार सबसे ज्यादा गड़बड़ी गुरुग्राम में सामने आई है।

स्थानीय निकायों में भ्रष्टाचार के आरोप

जारी किए गए बयान में सैलजा ने स्थानीय निकाय में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। बयान के हवाले से कुमारी सैलजा ने कहा कि हर कागज और हर काम से भ्रष्टाचार की बू आती है क्योंकि भ्रष्टाचार हुआ है। अनेक घोटाले सामने आए पर किसी को सजा तक नहीं मिली। भ्रष्टाचार सामने आने के बाद आरोपी को बचाने की कवायद शुरू हो जाती है। प्रदेश में नए मेयरों के पद संभालने से पहले 10 नगर निगमों समेत 62 निकायों में करीब 1400 करोड़ की गड़बड़ी सामने आई है।

उन्होंने ये भी बताया कि ये गड़बड़ी किसी जांच एजेंसी ने नहीं, बल्कि विधानसभा की कमेटी ने पकड़ी है।

कहां हुआ सबसे बड़ा घोटाला

सैलजा के मुताबिक, विधानसभा की शहरी स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित मामलों की कमेटी ने 10 नगर निगमों समेत 62 निकायों के वित्तीय लेन-देन की जांच की जिसमें 1,395.98 करोड़ रुपये का ऑडिट किया जा रहा है, जो 2019-20 के दौरान का है। इसमें टेंपरेरी एडवांस को लेकर गड़बड़ी पाई गई। टेंपरेरी एडवांस वो धनराशि होती है जो किसी कर्मचारी या विभाग को किसी विशेष उद्देश्य के लिए प्रदान की जाती है, जिसे बाद में चुकाना होता है।

1,395.98 करोड़ रुपये में से 781.75 करोड़ रुपये की गड़बड़ी अकेले फरीदाबाद नगर निगम और 403.86 करोड़ रुपये की गड़बड़ी गुरुग्राम नगर निगम की सामने आई।

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Digpal Singh author

खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्लोमा करने के बाद मीडिया जगत में दस्तक दी। कई अखबार...और देखें

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