पंजाब बंद: किसानों का उग्र प्रदर्शन, सड़कों-रेलवे ट्रैक पर किसानों का पहरा; पटियाला-चंडीगढ़ हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें

पंजाब बंद के आह्वान के बाद प्रदर्शनकारी किसान सड़कों पर उतर आए हैं। पटियाला-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर किसानों की मौजूदगी से वाहनों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित है। किसानों ने शाम 4 बजे रेल रोको अभियान के तहत ट्रैक जाम करेंगे, जिसके चलते पहले ही 150 ट्रेनें कैंसिल कर दी गई हैं।

farmers protest

किसानों का प्रदर्शन

तस्वीर साभार : भाषा

चंडीगढ़: अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों के पंजाब बंद के आह्वान के मद्देनजर राज्य में कई स्थानों पर प्रदर्शनकारी किसानों ने सड़कें अवरुद्ध कर दीं, जिससे यातायात बाधित हो गया। केंद्र द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं माने जाने पर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने पिछले सप्ताह बंद का आह्वान किया था। इसके तहत सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक बंद रहेगा। धारेरी जट्टन टोल प्लाजा में किसानों के धरने से पटियाला-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। उधर, रेल रोको अभियान के चलते रेलवे ने 150 ट्रेने रद्द कर दी हैं।

इन चीजों की रहेगी छूट

अमृतसर के गोल्डन गेट पर किसान एकत्र होने लगे, जबकि बठिंडा के रामपुरा फूल में उन्होंने सड़कें अवरुद्ध कर दीं। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने रविवार को कहा कि सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक बंद रहेगा। हालांकि, आपातकालीन सेवाओं का संचालन जारी रहेगा। विमान में यात्रा के लिए हवाई अड्डे जा रहे लोग, नौकरी के लिए ‘इंटरव्यू’ देने जाने वाले या फिर शादी में शामिल होने जा रहे लोगों को बंद के आह्वान के बीच छूट रहेगी।

यहां पर सड़कें बंद

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मोहाली, पटियाला, लुधियाना, मोगा, फिरोजपुर, बठिंडा, होशियारपुर, जालंधर और अन्य स्थानों से दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं। बंद का असर ग्रामीण इलाकों में ज्यादा दिख रहा है, जहां किसानों ने अपने संगठन के झंडे लेकर लगभग सभी सड़कें बंद कर दीं। वहीं, पंजाब बंद के दौरान किसानों की ओर से अमृतसर के कठू नंगल टोल प्लाजा को भी बंद कर दिया गया है। किसी को भी जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है।

फिरोजपुर में एक दुकानदार ने बताया कि हमने किसानों के बंद के समर्थन में शाम चार बजे तक दुकान बंद करने का फैसला लिया है। जरूरी सेवाएं जैसे मेडिकल की दुकान खुली नजर आ रही हैं। बाकी सभी दुकानें बंद हैं। वहीं, राहगीर और दुकानदारों ने कहा कि किसानों का मसला हल होना चाहिए। व्यापार ठप है। सरकार को देखना चाहिए। निजी बस ट्रांसपोर्टरों के हड़ताल में शामिल होने से पंजाब में अधिकांश निजी बसें सड़कों से नदारद रहीं। बंद के आह्वान के मद्देनजर कई स्कूलों और कार्यालयों ने छुट्टी की घोषणा की थी।

डल्लेवाल का आमरण अनशन

इस बीच, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (70) का आमरण अनशन सोमवार को 35वें दिन भी जारी रहा। डल्लेवाल ने अब तक चिकित्सा उपचार लेने से इनकार कर दिया है। फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर सैकड़ों किसान पंजाब-हरियाणा सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। डल्लेवाल ने पहले कहा था कि जब तक सरकार किसानों की मांगें नहीं मान लेती, वह अपना अनशन नहीं तोड़ेंगे।

क्या हैं मांगें

उच्चतम न्यायालय ने पंजाब सरकार को 31 दिसंबर तक डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करने के लिए मनाने का समय दिया है, साथ ही आवश्यकता पड़ने पर राज्य को केंद्र सरकार की सहायता लेने की स्वतंत्रता भी है। सुरक्षाबलों द्वारा दिल्ली में प्रवेश से रोके जाने के बाद से किसान संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू तथा खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। छह से 14 दिसंबर के बीच 101 किसानों के एक जत्थे ने तीन बार दिल्ली की तरफ कूच करने का प्रयास किया था, लेकिन हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। एमएसपी के अलावा, किसान कर्ज माफी, पेंशन, बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं करने, पुलिस मामलों को वापस लेने और 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘न्याय’ की भी मांग कर रहे हैं।

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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

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