Punjab Doctors Strike: पंजाब में 2,500 से अधिक डॉक्टर तीन दिन हड़ताल पर, ओपीडी सेवाएं प्रभावित; जानें क्या है उनकी मांगें
Punjab Doctors Strike: पंजाब में प्रमोशन और पर्याप्त सुरक्षा उपायों को लेकर 2500 से अधिक डॉक्टर हड़ताल पर हैं। 3 घंटे के लिए शुरू हुई स्ट्रीट अब तीन दिन तक चलेगी। इससे ओपीडी सेवाएं प्रभावित हुई हैं, जिस कारण मरीजों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पंजाब में 2,500 से अधिक डॉक्टर तीन दिन हड़ताल पर
Punjab Doctors Strike: पंजाब में 2,500 से अधिक डॉक्टर ने हड़ताल शुरू कर दी है। डॉक्टरों की इस हड़ताल के चलते सबसे अधिक परेशानी मरीजों को हो रही हैं। हालांकि आपातकालीन सुविधाएं और आईसीयू अधिकारी इस हड़ताल में शामिल नहीं है। लेकिन अन्य डॉक्टरों की हड़ताल से ओपीडी सेवाएं ठप पड़ी हुई हैं। डॉक्टर स्वास्थ्य कर्मियों के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों की मांग के साथ अन्य विभिन्न मांगों के लेकर हड़ताल पर हैं। शुरुआत में ये हड़ताल सुबह 8 बजे से 11 बजे तक होने थी। लेकिन बाद में इसमें बदलाव करते हुए तीन दिन तक हड़ताल करने का फैसला लिया गया।
तीन दिन तक चलेगी डॉक्टरों की हड़ताल
प्रदर्शन कर रहे चिकित्सकों ने बताया कि पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज (पीसीएमएस) एसोसिएशन के बैनर तले आयोजित यह विरोध प्रदर्शन जिला और उप-मंडलीय अस्पतालों तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 11 सितंबर तक जारी रहेगा। पीसीएमएस एसोसिएशन (पटियाला इकाई) के अध्यक्ष डॉ. सुमित सिंह ने कहा कि सुनिश्चित करियर प्रगति (एसीपी) योजना बहाल करना, प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों की मुख्य मांगों में से एक है। सिंह ने कहा कि अन्य विभागों के विपरीत, चिकित्सकों के पास अपने करियर के दौरान प्रमोशन के कई तरीके नहीं होते हैं, जिसकी भरपाई वार्षिक करियर प्रगति योजना के माध्यम से की जाती है, लेकिन 2021 में इस योजना को रोक दिया गया था।
एसीपी योजना सरकारी कर्मचारियों को वित्तीय लाभ और उच्च वेतन उपलब्ध कराती है। एसोसिएशन अस्पतालों में स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों के साथ चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती की भी मांग कर रही है। चिकित्सक संघ ने रविवार रात की एक घटना का उल्लेख किया जिसमें मोहाली के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दो अज्ञात पुरुषों ने आठ माह की गर्भवती चिकित्सक के साथ दुर्व्यवहार किया तथा इंजेक्शन लेकर फरार हो गए। पुलिस ने इस संबंध में एक मामला दर्ज किया है। इस बीच, पटियाला के माता कौशल्या हॉस्पिटल में जांच के लिए आए मरीजों को ओपीडी सेवाएं निलंबित रहने के कारण असुविधा का सामना करना पड़ा। पीसीएमएस एसोसिएशन के प्रतिनिधियों और वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा के बीच एक बैठक बुधवार को होनी है। एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर बैठक से कोई खास नतीजा नहीं निकला और प्रमोशन संबंधी अधिसूचना जारी नहीं की गई तो बृहस्पतिवार से सभी सेवाएं पूरी तरह से बंद कर दी जाएंगी।
(इनपुट - भाषा)
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varsha kushwaha author
वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवबंर 2023 से Timesnowhindi.c...और देखें
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