Chandigarh News: फरलो पर फिर बाहर आएगा राम रहीम, रेप-मर्डर केस में 184 दिन बाहर काटी मौज!

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की फरलो मंजूर हो गई है।

Ram Rahim

राम रहीम की फरलो हुई मंजूर

Chandigarh News: राम रहीम की फरलो मंजूर हो गई है। जिसके कारण एक बार फिर राम रहीम जेल से बाहर आएंगे। बता दें राम रहीम फरलो की अवधि के दौरान उत्तर प्रदेश के बागपत में रहेंगे। बता दें दो डेरा अनुयायियों के साथ बलात्कार और एक अन्य की हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद राम रहीम वर्तमान में हरियाणा की सुनारिया जेल में बंद है। अगस्त 2017 में सीबीआई अदालत ने उन्हें दो अनुयायियों के रेप के लिए दोषी ठहराया था। बाद में अक्टूबर 2021 में अदालत ने राम रहीम को हत्या के लिए चार अन्य लोगों के साथ दोषी पाया था।

इससे पहले 7 बार जेल से आया बाहर2017 में सजा सुनाए जाने के बाद से अब तक राम रहीम कुल 7 बार जेल से बाहर आ चुका है। इसी साल जन्मदिन से पहले उसे 20 जुलाई को पैरोल मिली थी। तब वह 30 दिन के लिए बाहर आया था। बाहर आने के बाद इस बार राम रहीम उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित अपने आश्रम में रहेगा। इससे पहले, उन्हें हरियाणा पंचायत चुनाव और आदमपुर विधानसभा उपचुनाव से पहले अक्टूबर 2022 में 40 दिनों के लिए पैरोल पर रिहा किया गया था। उन्हें पहली बार 24 अक्टूबर, 2020 में पैरोल मिली थी और 38 महीने या तीन साल में यह आठवीं बार है, जब उसे पैरोल दी गई है।

दो शिष्याओं से रेपराम रहीम को अपनी दो शिष्याओं से रेप के दोष 28 अगस्त 2017 को 20 साल की सजा सुनाई गई थी। फिर, 17 जनवरी 2019 को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के जुर्म में कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई।

184 दिन पैरोल पर बाहरहालांकि, अक्टूबर 2023 में अपनी पहली पैरोल से शुरू होकर, पिछले तीन वर्षों में गुरमीत राम रहीम ने 163 दिन पैरोल पर बाहर बिताए हैं। सोमवार को दी गई 21 दिन की पैरोल सहित दोषी बाबा पिछले तीन वर्षों में 184 दिन पैरोल पर बाहर बिताएगा। बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य आरोपों के लिए दोषी ठहराए गए किसी व्यक्ति के लिए यह चौंकाने वाली बात है कि गुरमीत राम रहीम को एक के बाद एक पैरोल मिलती रहती है।

क्या है फरलोफरलो एक तरह की छुट्टी जैसी होती है, जिसमें सजायाफ्ता कैदी को जेल से कुछ दिनों के लिए रिहा किया जाता है। फरलो की अवधि को कैदी की सजा में छूट और उसके अधिकार के तौर पर देखा जाता है। आमतौर यह अधिकार लंबे समय के लिए सजा पाए कैदी के लिए होता है। इसे बिना कारण के भी दिया जाता है। इसका मकसद कैदी अपने परिवार और समाज से मिल सके। लेकिन, हर राज्य में फरलो को लेकर अलग-अलग प्रावधान हैं। उत्तर प्रदेश में फरलो देने का कोई नियम नहीं है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | चण्डीगढ़ (cities News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

Shashank Shekhar Mishra author

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited