Sidhu Moosewala Death Anniversary : जहां बेटे की हुई थी हत्‍या वहां मां ने टेका माथा, बरसी पर लिखी दिल छू लेने वाली पोस्‍ट

Sidhu Moosewala Death Anniversary : पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की पिछले साल 2022 में गोली मारकर हत्‍या कर दी गई थी। मानसा में हुई इस घटना की जिम्‍मेदारी लॉरेंस बिश्‍नोई और गोल्‍डी बराड़ ने ली थी। आज बेटे शुभदीप उर्फ सिद्धू की याद में मां ने पोस्ट लिखी है।

सिद्धू मूसेवाला की पहली बरसी।

Sidhu Moosewala Death Anniversary : पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की आज पहली बरसी है। लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ के कुछ गुर्गों ने मूसेवाला को मानसा स्थित गांव में घेरकर मारा था। रात 12 बजे बेटे शुभदीप सिंह उर्फ सिद्धू मूसेवाला की याद में मां चरण कौर ने इंस्‍टाग्राम पर एक भावुक पोस्‍ट की। वहीं, सिद्धू मूसेवाला की याद में मूसा गांव में आज कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। बता दें कि, 29 मई, 2022 को सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्‍या कर दी गई थी। आज उसी स्‍थान पर जाकर पंजाबी गायक की मां भावुक हो गईं और माथा टेककर फूट-फूटकर रोईं, इस दौरान वहां मौजूद कई लोगों की आंखें नम हो गईं।

इंस्‍टाग्राम पर लिखी भावुक पोस्‍ट

बेटे शुभदीप उर्फ सिद्धू की हत्‍या के बाद उनकी मां ने उन्‍हें श्रद्धांजलि दी और इंस्‍टाग्राम पर बेहद भावुक पोस्‍ट लिखी। पंजाबी में उन्‍होंने लिखा कि, ''बड़ी ही खुशी से वो दिन आया था जब मैंने तेरी गर्भ में तेरी उपस्थिति को महसूस किया, नौ महीने बड़े प्यार और चाहत से तुझे पाला और जून में तुझे अपनी गोद में बिठाया। कभी अपने गाल से लगातीश्‍ कभी नजर से बचाती तो कभी प्‍यार से तुझे खिलाती। राजकुमार की तरह तुझे सजाती, कभी सच्चाई और ईमानदारी का पाठ पढ़ाती, कभी काम की कीमत का ज्ञान सिखाती। झुक कर चलना बुरा नहीं है, यह ध्यान में रखकर तुझे मंजिल तक पहुंचाती थी, लेकिन मैं नहीं जानती थी मेरे बेटे तेरा मुकाम तुझे मुझसे दूर कर देगा। इससे बड़ा दु:ख क्‍या होगा कि जिसकी लंबी उम्र मांगती थी आज उसे ही देखे हुए एक साल हो गया है। बिना किसी गलती के, बिना किसी गुनाह के, कुछ घटिया लोगों ने मेरे बच्चे को मुझसे छीन लिया। आज एक साल हो गया है बेटा, मैंने तुम्हें गाल से नहीं पकड़ा है, मैंने तुम्हारे साथ कोई खुशी या दु:ख साझा नहीं किया है। मैंने अपने हाथों से तुझे तेरा मनपसंद खाना नहीं खिलाया, जब तुम साथ थे तो हर मुश्किल और दर्द मुझे छोटा लगता था, लेकिन तुम्हारे बिना, मैंने एक साल कैसे बिताया, यह तो मेरी अंतरात्मा ही जानती है। आज भी यही सोच रही हूं, कि तारीख फिर आई है कि तुम भी जाओ- मेरा साया, मेरा वजूद। तुझे गले लगाना चाहती हूं, मेरी पीड़ा खत्‍म कर दो, बेटा घर लौट आओ, किसी भी समय मेरा दिल नहीं लगता।''
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