चार धाम यात्री भूल कर न करें ये काम , इन चीजों पर लगा प्रतिबंध ; पॉकेट में ही रखें Mobile-Camera
उत्तराखंड में इस बार चार धाम यात्रा के लिए रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। जिसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने अहम फैसला लिया है। जिसके तहत चार धाम यात्रा के दौरान मंदिर परिसर के 50 मीटर के दायरे में रील्स या वीडियो बनाने पर रोक लगा दी है।
चार धाम यात्रा (फोटो साभार - ट्विटर)
Chardham Yatra 2024: चार धाम यात्रा के दौरान रील्स या वीडियो बनाने वाले लोग सावधान हो जाएं। उत्तराखंड सरकार ने चारों धामों में मंदिर परिसर के 50 मीटर के दायरे में वीडियोग्राफी पर रोक लगा दी है। चार धाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। प्रदेश की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों से चारों धामों में मंदिर परिसरों की 50 मीटर की परिधि में सोशल मीडिया के लिए वीडियो तथा रील बनाए जाने को प्रतिबंधित करने के आदेश दिए हैं।। इस संबंध में उन्होंने कहा कि कुछ यात्रियों द्वारा मंदिर परिसर में वीडियो एवं रील बनायी जा रही है और उन्हें देखने के लिए एक स्थान पर भीड़ एकत्रित हो जाती है जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असुविधा होती है।
31 मई के बाद होंगे VIP दर्शन
चारों धामों में श्रद्धालुओं की उमड़ रही भारी भीड़ के मद्देनजर उत्तराखंड सरकार ने गुरुवार को 31 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था न करने का फैसला किया है। इसके साथ ही हरिद्वार और ऋषिकेश में ऑफलाइन पंजीकरण 19 मई तक बंद रखने का भी निर्णय लिया। चार धाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी और आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, बुधवार तक पहले छह दिन में ही देश-विदेश के 3,34,732 श्रद्धालु इनके दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। 25 अप्रैल को चारधामों के लिए पंजीकरण शुरू किया गया था और गुरुवार शाम तक 27 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पंजीकरण किए जा चुके हैं।
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पहले 25 मई तक थी वीआईपी दर्शन पर रोक
प्रदेश की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भेजे एक पत्र में कहा है कि शुरूआती दिनों में ही पवित्र धामों में श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित संख्या को देखते हुए भीड़ के बेहतर प्रबंधन के लिए 31 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था नहीं करने का निर्णय लिया गया है। इससे पहले 30 अप्रैल को राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर 25 मई तक चारधामों में वीआईपी दर्शन की व्यवस्था पर रोक की बात कही गयी थी। पत्र में रतूड़ी ने यह भी कहा है कि धामों में दर्शन की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए राज्य सरकार ने श्रद्धालुओं के अनिवार्य पंजीकरण की व्यवस्था की है और धामों में श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति केवल उन्हीं तिथियों में दी जाएगी, जो उन्हें पंजीकरण के समय दी गयी हैं। उन्होंने राज्यों में अपने समकक्षों से श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत इस सूचना का उचित माध्यमों से प्रसार करने को भी कहा है।
19 मई तक ऑफलाइन काउंटर बंद
रतूड़ी ने बुजुर्गों तथा पहले से गंभीर बीमारी से पीड़ित श्रद्धालुओं को यात्रा शुरू करने से पहले अपना परीक्षण करवाने तथा उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस संबंध में जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा है। उन्होंने राज्यों के मुख्य सचिवों से आग्रह किया कि वे अपने यहां इस सूचना को लोगों तक पहुंचाएं। इस बीच, हरिद्वार और ऋषिकेश में श्रद्धालुओं के पंजीकरण के लिए बनाए गए ऑफलाइन काउंटर को 19 मई तक बंद रखने का निर्णय लिया गया है। पर्यटन विभाग ने यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि पूर्व में पंजीकृत श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं उनके सुगम दर्शन को ध्यान में रखते हुए हरिद्वार और ऋषिकेश में खोले गए ऑफलाइन काउंटर को 17 से 19 मई तक बंद रखने का निर्णय लिया गया है।
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