योगी आदित्यनाथ ने नोएडा तो मोहन यादव ने तोड़ा उज्जैन का मिथक, जानें महाकाल की नगरी में रात रुकने से क्यों डरते थे नेता मंत्री

मध्य प्रदेश के सीएम ने 211 से कायम मिथक को उज्जैन में रात बिताकर तोड़ दिया। सीएम मोहन ने कहा 'अरे राजा तो बाबा महाकाल हैं'। हम सब तो उनके बेटे हैं।

CM Mohan Yadav

सीएम मोहन यादव

तस्वीर साभार : IANS

उज्जैन: मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन को लेकर एक मिथक रहा है कि यहां मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री रात नहीं बिताते हैं। मगर, राज्य के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार की रात उज्जैन में बिताकर इस मिथक को तोड़ दिया है। मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं और मुख्यमंत्री बनने के बाद वे शनिवार को यहां पहुंचे। इतना ही नहीं उन्होंने रात भी बिताई। कुछ इसी तरह का मिथक यूपी के नोएडा को लेकर था, जिसे सीएम योगी ने पहुंचकर तोड़ा था।

राजा दौलत राव सिंधिया ने बनाई परंपरा

मुख्यमंत्री यादव ने यहां एक जनसभा में कहा कि रात न बिताने के मिथक को तत्कालीन राजा दौलत राव सिंधिया ने बनाया था। राजा महादजी सिंधिया के निधन के बाद दौलत राव सिंधिया राजधानी को उज्जैन से ग्वालियर ले जाना चाहते थे और वे 1812 में राजधानी ले भी गए, मगर धीरे से एक मंत्र फूंक गए कि यहां कोई राजा रात को नहीं रहेगा, जिससे कोई कब्जा करने नहीं आए। यह उनकी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा था।

महाकाल ब्रह्मांड के स्वामी-मोहन यादव

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि अब हम भी कहते हैं कि राजा रात में नहीं रहेगा 'अरे राजा तो बाबा महाकाल' हैं, हम सब तो उनके बेटे हैं। रात में क्यों नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा अगर, बाबा महाकाल ने टेढ़ी निगाह कर दी तो ब्रह्मांड में कोई बच नहीं सकता। मुझे मोदी जी ने कहा कि बनारस मैं संभालता हूं, मोहन जी, आप तो उज्जैन संभालो। मैं यहां पर मुख्यमंत्री नहीं मुख्य सेवक हूं। संभवतः मध्य प्रदेश की राजनीति में पहला ऐसा अवसर है जब कोई मुख्यमंत्री उज्जैन में रात में रुका। शिवराज सिंह चौहान राज्य के 18 साल मुख्यमंत्री रहे, मगर अपने कार्यकाल के दौरान वे एक भी रात उज्जैन में नहीं रुके।

जानें क्या थी परंपरा

दरअसल, मान्यता कायम रही है कि उज्जैन के राजा भगवान महाकालेश्वर यानी बाबा महाकाल हैं। इनसे बड़ा शासक कोई नहीं है। मान्यता रही कि कोई भी राजा उज्जैन में रात में नहीं ठहरता, इसके पीछे तर्क दिया जाता रहा है कि एक शहर में दो राजा नहीं ठहर सकते हैं। अगर, कोई भी राजा, मंत्री या नेता यहां रात में ठहरता है तो उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। इसलिए 211 साल से कल तक कोई भी मुख्यमंत्री उज्जैन में रात बिताने से डरता था, लेकिन मोहन यादव ने इस मिथक को तोड़कर नया संदेश दिया है।

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