Mainpuri News: कांस्टेबल की हत्या पर कोर्ट का फैसला, पूर्व प्रधान समेत चारों आरोपियों को उम्रकैद

Mainpuri News: मैनपुरी जिले में कांस्टेबल की हत्या के मामले में कोर्ट ने पूर्व प्रधान राजेश पांडे और उसके साथियों सहित चारों लोगों को उम्र कैद और 30-30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

कांस्टेबल की हत्या मामले में पूर्व प्रधान समेत चारों आरोपियों को उम्रकैद

Mainpuri News: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले की अदालत ने एक कांस्टेबल की हत्या के तीन साल पुराने मामले अपना फैसला सुनाया। इस फैसले में पूर्व ग्राम प्रधान समेत चार आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। बताया जा रहा है कि आरोपी राजेश ने प्रधान चुन्नी लाल दिवाकर से बदला लेने की ठानी हुई थी। बदले की आग में जल रहे आरोपी ने चुन्नी लाल दिवाकर और उसके भाइयों पर हमला किया। इस घटना में कांस्टेबल की मौत हो गई। हत्या के आरोप में तीन साल बाद कार्ट ने पूर्व प्रधान और उसके साथियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है।

क्या है पूरा मामला

पूर्व प्रधान ने अभियोजन पक्ष के वकील एम. पी. सिंह चौहान ने रविवार को बताया कि करहल थाना क्षेत्र के मदापुर गांव में तीन भाइयों इकरार खां, इकबाल खां और आरिफ खां के बीच जमीन के विवाद के निपटारे के लिए गांव के प्रधान चुन्नी लाल दिवाकर ने 25 जून 2021 को पंचायत बुलाई थी। उन्होंने बताया कि गांव के पूर्व प्रधान राजेश पांडे को ग्राम प्रधान चुन्नी लाल की मध्यस्थता में पंचायत होने की बात इस कदर नागवार गुजरी कि उसने इसका बदला लेने की ठान ली।
चौहान ने बताया कि पंचायत के बाद चुन्नीलाल एटा में प्रादेशिक आर्म्‍ड कांस्टेबुलरी (पीएसी) में कांस्टेबल के पद पर तैनात अपने भाई महेश, बेटे आनंद और चचेरे भाई जोर सिंह के साथ घर लौट रहे थें। तभी पूर्व प्रधान राजेश पांडे और उसके साथियों नवीन पांडे, प्रियम चौबे तथा संजीव दिवाकर ने उन्हें रोक लिया और उन पर गोलियां चलाईं। गोली लगने से महेश की मौके पर ही मौत हो गई। उन्होंने बताया कि इस मामले में राजेश पांडेय, नवीन पांडेय, प्रियम चौबे और संजीव दिवाकर के खिलाफ महेश की हत्या के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। चौहान ने बताया कि विशेष न्यायाधीश (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम) मीता सिंह ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पूर्व ग्राम प्रधान राजेश पांडे समेत सभी चारों अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन सश्रम कारावास और 30-30 हजार रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई।
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