Delhi-NCR Pollution: दिल्ली में ग्रैप-4 लागू, इन वाहनों को शहर में नहीं मिलेगा प्रवेश; जानें क्या है रूल

Delhi-NCR Pollution: दिल्ली सरकार ने GRAP-4 लागू करने का आदेश जारी किया। सभी संबंधित विभागों को आदेश भेजा गया है। सुप्रीम कोर्ट के ने ग्रैप चरणों के तहत प्रदूषण निवारक उपायों को लागू करने में देरी पर दिल्ली सरकार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) से सवाल किया था।

Delhi-NCR Pollution: दिल्ली में ग्रैप-4 लागू, इन वाहनों को शहर में नहीं मिलेगा प्रवेश; जानें क्या है रूल

Delhi-NCR Pollution: प्रदूषण में चिंताजनक वृद्धि रोकने के लिए कड़े कदम उठाने में विलंब पर सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी के बाद दिल्ली सरकार ने GRAP 4 लागू करने का आदेश जारी किया है। दिल्ली सरकार के सभी संबंधित विभागों को आदेश भेजा गया है। ग्रैप-4 का कड़ाई से लागू करने का निर्देश जारी किया है। दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) राज्यों को ग्रैप-4 के तहत प्रतिबंध लागू करने के लिए तुरंत टीम गठित करने का सोमवार को निर्देश दिया और कहा कि एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 450 से नीचे होने पर भी ये प्रतिबंध लागू रहेंगे। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि यह सुनिश्चित करना सभी राज्यों का संवैधानिक कर्तव्य है कि हर नागरिक प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहे। पीठ ने कहाकि हम एक्यूआई का स्तर 450 से नीचे जाने की स्थिति में भी ग्रैप के चौथे चरण के तहत प्रतिबंधों को जारी रखने का निर्देश देते हैं। लिहाजा, कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए दिल्ली सरकार ने यह कड़ा कदम उठाया है।

12वीं तक की कक्षाओं पर निर्णय लेने को कहा

कोर्ट सभी दिल्ली-एनसीआर में 12वीं तक की कक्षाएं आयोजित करने के संबंध में तुरंत निर्णय लेने को कहा और एक ऐसा तंत्र स्थापित करने का निर्देश दिया, जिसके जरिए चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (ग्रैप) के चौथे चरण के तहत प्रतिबंधों के उल्लंघन के संबंध में शिकायतें की जा सकें। मामले की सुनवाई की शुरुआत में पीठ ने ग्रैप चरणों के तहत प्रदूषण निवारक उपायों को लागू करने में देरी पर दिल्ली सरकार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) से सवाल किया। दिल्ली सरकार के वकील ने पीठ से कहा कि ग्रैप का चौथा चरण सोमवार से लागू कर दिया गया और भारी वाहनों के राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पीठ ने कहा, ‘‘जैसे ही एक्यूआई खतरनाक स्तर को छूता है, वैसे ही ग्रैप चरणों को लागू किया जाना चाहिए। यह तत्काल होना चाहिए।

पीठ ने वकील से कहा कि एक्यूआई 300 से 400 के बीच पहुंचते ही चौथा चरण लागू करना होता है। आप ग्रैप के चौथे चरण को लागू करने में देरी करके इन मामलों में जोखिम कैसे उठा सकते हैं। उसने कहा कि सीएक्यूएम ने प्रदूषण बढ़ते ही ग्रैप के विभिन्न चरणों को लागू करने के बजाय मौसम की स्थिति में सुधार का इंतजार किया।

पीठ ने दिल्ली सरकार और पड़ोसी एनसीआर राज्यों को प्रदूषण रोकने के लिए निवारक कदमों के कार्यान्वयन पर 22 नवंबर तक अपना अनुपालन हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा। उसने कहा कि ‘ग्रैप’ के तहत सुझाए गए कदमों के अलावा भी कदम उठाए जा सकते हैं। पहली बार 2017 में लागू की गई ‘ग्रैप’ प्रणाली स्थिति की गंभीरता के अनुसार राजधानी और इसके आसपास के क्षेत्र में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में बताती है।

कितना प्रदूषण खतरनाक

ग्रैप के तहत दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता को चार अलग-अलग चरणों में वर्गीकृत किया गया है: पहला चरण - ‘खराब’ (एक्यूआई 201-300), दूसरा चरण - ‘बहुत खराब’ (एक्यूआई 301-400), तीसरा चरण - ‘गंभीर’ (एक्यूआई 401-450) और चौथा चरण- ‘अत्यंत गंभीर’ (एक्यूआई 450 से ऊपर)। केंद्र की वायु गुणवत्ता समिति ने ग्रैप के चौथे चरण के तहत दिल्ली-एनसीआर के लिए कड़े प्रदूषण नियंत्रण उपायों की रविवार को घोषणा की, जो सोमवार सुबह आठ बजे से प्रभावी हो गए। ग्रैप के चौथे चरण के तहत ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध और सार्वजनिक निर्माण परियोजनाओं पर अस्थायी रोक शामिल है।

457 पहुंचा एक्यूआई

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने यह आदेश तब जारी किया, जब दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रविवार को ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया। दिल्ली में एक्यूआई शाम चार बजे 441 दर्ज किया गया, जो प्रतिकूल मौसम के कारण शाम सात बजे तक बढ़कर 457 हो गया। आदेश के मुताबिक, आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले या स्वच्छ ईंधन (एलएनजी/सीएनजी/बीएस-VI डीजल/इलेक्ट्रिक) का उपयोग करने वाले ट्रकों को छोड़कर किसी भी ट्रक को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। आदेश के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), सीएनजी वाहनों और बीएस-VI डीजल वाले वाहनों को छोड़कर दिल्ली के बाहर पंजीकृत हल्के वाणिज्यिक वाहन भी प्रतिबंध के दायरे में होंगे।

निर्माण कार्यों में रोक

आदेश के मुताबिक, राजमार्ग, सड़क, पुल और अन्य सार्वजनिक परियोजनाओं सहित सभी निर्माण गतिविधियों पर अस्थायी रोक रहेगी। न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण पर अंकुश लगाने के उपायों को लागू करने का अनुरोध करने वाली याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने पर 14 नवंबर को सहमति व्यक्त की थी। उसने पहले कहा था कि प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहने का अधिकार प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है, जो संविधान के अनुच्छेद 21 द्वारा संरक्षित है। शीर्ष अदालत राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है।

(इनपुट-आईएनएस)

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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

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