जानी दुश्मन बनी गर्मी, आसमानी आग की चपेट में 41 हजार लोग; यूपी-बिहार समेत अन्य राज्यों में 114 लोगों की मौत

Heatwave in India: भीषण गर्मी और लू लोगों की जान ले रही है। देशभर के कई राज्यों में हीटवेव से मौतों को सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। केवल उत्तर प्रदेश में 37 और देशभर में 114 लोगों की जान जाने की खबर है। आइये जानते और किन राज्यों में सूरज कहर ढा रहा है।

Heatwave Attack on People

हीटवेव से मौत

Heatwave in India: देश के एक बड़े हिस्से में जारी भीषण गर्मी की वजह से इस वर्ष एक मार्च से लेकर 18 जून तक कम से कम 114 लोगों मौत हुई है और 40,984 लोगों को संदिग्ध तापघात से जूझना पड़ा। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र (एनसीडीसी) द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर गर्मी से संबंधित बीमारी और मृत्यु निगरानी के तहत जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, गर्मी से उत्तर प्रदेश सर्वाधिक प्रभावित है जहां लू और तापघात से करीब 37 लोगों की मौत हई है। इसके बाद बिहार, राजस्थान और ओडिशा में लोगों की जान गई है।

स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने कही ये बात

इस संबंध में एक अधिकारिक सूत्र ने कहा कि उपलब्ध आंकड़े राज्यों की ओर से दिए गए अंतिम आंकडे़ नहीं हैं। इसलिए यह संख्या बढ़ भी सकती है। स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने बुधवार को निर्देश दिए कि सभी सरकारी अस्पतालों में 'विशेष लू इकाई' शुरू की जाए। इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि अस्पताल गर्मी से प्रभावित लोगों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवा प्रदान करें। उन्होंने लू और तापघात से निपटने के लिए अस्पतालों की तैयारी की समीक्षा की।

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आंकड़ों के मुताबिक, 19 जून को तापघात से चार लोगों की मौत हो गई। उत्तर और पूर्वी भारत के अधिकांश इलाके लंबे समय से भीषण लू की चपेट में हैं, जिससे तापघात से होने वाली मौतों में वृद्धि हुई है और केंद्र को ऐसे मरीजों की देखभाल के लिए अस्पतालों में विशेष इकाइयां स्थापित करने का परामर्श जारी करना पड़ा है।

प्रतिदिन जारी होगा मौतों का आंकड़ा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशों के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा लू के मद्देनजर राज्यों के स्वास्थ्य विभाग के लिए एक परामर्श जारी किया गया है। इसके तहत राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन एवं मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनपीसीसीएचएच) के अंतर्गत राज्य नोडल अधिकारियों से कहा गया है कि वे एक मार्च से तापघात के मामलों और मौतों तथा कुल मौतों के आंकड़ों को प्रतिदिन जारी करना शुरू करें, साथ ही गर्मी से संबंधित बीमारी और मृत्यु निगरानी के तहत उनकी जानकारी भी उपलब्ध कराएं।

तापजनित बीमारियों का बढ़ा खतरा

परामर्श में कहा गया है कि सभी जिलों में तापजनित बीमारियों (एचआरआई) पर राष्ट्रीय कार्ययोजना का प्रसार सुनिश्चित किया जाए तथा एचआरआई के लिए स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारी को सुदृढ़ किया जाए। इसमें रोकथाम और प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य सुविधा तैयार करने लिए पर्याप्त मात्रा में ओआरएस पैक, आवश्यक दवाएं, आईवी तरल पदार्थ, बर्फ (आइस पैक) और उपकरणों की खरीद और आपूर्ति के निर्देश भी दिए गए हैं।

इसके साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं में पर्याप्त पेयजल की उपलब्धता, प्रतीक्षा और रोगी उपचार क्षेत्र में ठंडक बनाए रखने के लिए उपकरण लगाने के निर्देश दिए गए हैं। अस्पतालों में लू और तापघात के मामलों की जल्द से जल्द जांच की व्यवस्था पर भी जोर दिया गया है। परामर्श में यह भी कहा गया है कि ठंडक प्रदान करने वाले उपकरणों के सुचारू रूप से काम करने के वास्ते अस्पतालों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए बिजली कंपनियों या निगमों के साथ समन्वय किया जाए।

(इनपुट-भाषा)

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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

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