दिल्ली में बनेगा 14 किमी लंबा एलिवेटेड हाईवे, जानिए किन इलाकों को होगा फायदा
देश की राजधानी दिल्ली में जितने फ्लाईओवर हैं, शायद ही उतने किसी अन्य शहर में हों। इसके बावजूद दिल्ली में लोग ट्रैफिक जाम से परेशान रहते हैं। दिल्ली के लोगों को ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलाने के लिए शहर में एक और 14 किमी लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया जाएगा। इसके अलावा एक टनल बनाए जाने की भी योजना है।

दिल्ली में बनेगा 14 किमी लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर
दिल्ली के लोगों के लिए एक और खुशखबरी है। यह खुशखबरी एक 14 किमी लंबे एलिवेटेड रोड को लेकर है। इससे दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्चर को एक बड़ा बूस्ट मिलेगा। इस 14 किमी लंबे एलिवेटेड रोड को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी NHAI बनाएगा। कहां पर यह एलिवेटेड रोड बनेगा? इस रोड के बनने से किन-किन इलाकों को फायदा होगा? चलिए जानते हैं इस एलिवेटेड रोड के बारे में सब कुछ।
यहां बनेगा एलिवेटेड रोड
दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़ा बूस्ट देने वाले इस 14 किमी के एलिवेटेड कॉरिडोर को सफदरजंग के पास INA से नेल्सन मंडेला मार्ग वसंत कुंज तक बनाया जाएगा। इस एलिवेटेड कॉरिडोर के बन जाने से रिंग रोड पर ट्रैफिक का दबाव काफी कम हो जाएगा। इससे खास तौर पर दक्षिण दिल्ली की तरफ या उधर से आने वाले यात्रियों को सहूलियत होगी।
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यहां पर टनल बनाने की योजना
जैसा कि हमने ऊपर ही बताया कि NHAI इस एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण करेगा। इस 14 किमी लंबे एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण में दिल्ली सरकार और शहरी विकास मंत्रालय की तरफ से फंडिंग की जाएगी। इसके अलावा NHAI नेल्सन मंडेला मार्ग से शिव मूर्ति इंटरचेंज तक एक टनल बनाने की योजना भी बना रहा है। इससे पूर्वी दिल्ली और दक्षिण दिल्ली की तरफ से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की ओर जाने वाले यात्रियों को बिना रुकावट आने-जाने में सहूलियत होगी।
इस 14 किमी लंबे एलिवेटेड कॉरिडोर की परियोजना को जुलाई 2021 में अप्रूव किया गया था। तब सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (CPWD) इस प्रोजेक्ट को मैनेज कर रहा था। लेकिन पब्लिक इंवेस्टमेंट बोर्ड की तरफ अनुमति नहीं मिलने के कारण यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी।
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एलिवेटेड कॉरिडोर की लागत
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार पीएमओ में दिल्ली के ट्रैफिक पर चर्चा के बाद सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की तरफ से यह प्रोजेक्ट NHAI को देने पर सहमति बनी। इसके बाद केंद्रीय सड़क परिवहन सचिव वी उमाशंकर ने NHAI, दिल्ली सरकार और नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (NBCC) के अधिकारियों के साथ एक बैठक की। इस पूरे प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत करीब 4500 करोड़ रुपये आने की उम्मीद है। लेकिन DPR बनने के बाद ही इसकी अंतिम लागत के बारे में कुछ कहा जा सकता है।
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इन इलाकों को होगा फायदा
इस एलिवेटेड कॉरिडोर के बन जाने से रिंग रोड को ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलाने में मदद मिलेगी। विशेषतौर पर AIIMS क्रॉसिंग और भिकाजी कामा फ्लाईओवर के पास ट्रैफिक की समस्या दूर करने में यह एलिवेटेड कॉरिडोर मददगार होगा। इन दोनों जगहों से हर दिन 1.3 लाख (AIIMS) और 3.3 लाख (Bhikaji Cama Flyover) गाड़ियां गुजरती हैं। इस एलिवेटेड कॉरिडोर के बनने से दिल्ली में कनेक्टिविटी बेहतर होगी, ट्रैवेल टाइम कम होगा और राजधानी के ट्रैफिक फ्लो में सुधार होगा।
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