दिल्ली में नहीं बनेगा केदारनाथ धाम, विवाद के बीच ट्रस्ट ने किया ऐलान सिर्फ मंदिर बनाएंगे

दिल्ली में बन रहे केदारना धाम मंदिर को लेकर उत्तरखांड में विरोध किया जा रहा है। कई जगहों पर प्रदर्शन किए जा रहे हैं, ऐसे में मंदिर के ट्रस्ट ने ऐलान किया है कि मंदिर का नाम नहीं बदला जाएगा, लेकिन इसके नाम से धाम शब्द को हटा दिया जाएगा-

kedarnath

केदारनाथ धाम

मुख्य बातें
  • दिल्ली का केदारनाथ मंदिर
  • नाम को लेकर चल रहा विरोध
  • ट्रस्ट ने धाम शब्द हटाने का किया ऐलान

Delhi: केदारनाथ धाम नहीं मंदिर बनाया जाएगा। लेकिन, नहीं बदलेगा केदारनाथ नाम। दिल्ली के बुराड़ी में केदारनाथ धाम के नाम से एक मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, जिसे लेकर विवाद चल रहा है। अब मंदिर के नाम को लेकर अब यह फैसला लिया गया है कि मंदिर के नाम केदारनाथ धाम के आगे धाम नहीं लगाया जाएगा। हालांकि, मंदिर के नाम में केदारनाथ रहेगा। वहीं दिल्ली के विनोद नगर में एक बद्रीनाथ मंदिर है, इसलिए नाम को लेकर नहीं, लेकिन नाम में धाम लगाए जाने को लेकर इसका नाम से धाम हटाया जा रहा है। मंदिर के निर्माण का मामला उत्तराखंड में गरमाया हुआ है। जिसे लेकर दिल्ली में मंदिर बना रहे ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने मंगलवार को इसके नाम को लेकर स्पष्टीकरण दिया और 'धाम' शब्द हटाने का ऐलान किया है।

कई जगहों पर नाम को लेकर विवाद

कांग्रेस ने इस मुद्दे को सियासी रंग देते हुए हरिद्वार से केदारनाथ मंदिर तक के लिए पदयात्रा का ऐलान किया है। जो 24 जुलाई से शुरू की जाएगी। मंगलवार को बदरीनाथ धाम समेत कई जगहों पर इसे लेकर विरोध-प्रदर्शन भी किए गए हैं। इस विवाद के बीच श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट के संस्थापक सुरेंद्र रौतेला ने कहा कि दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बनाया जा रहा है। केदारनाथ धाम की स्थापना नहीं की जा रही है। विरोध को देखते हुए मंदिर और ट्रस्ट के नाम से 'धाम' शब्द को हटा दिया जाएगा। हालांकि, मंदिर के नाम में केदारनाथ शब्द रहेगा।

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24 जुलाई से होगी कांग्रेस की पदयात्रा

24 जुलाई से हरिद्वार से केदानाथ के लिए पदयात्रा की जाएगी। दिल्ली में केंदारनाथ मंदिर को लेकर उठे विवाद के बीच कांग्रेस ने 'जय गंगा, जय केदार' पदयात्रा निकालने की घोषणा की है। जिसके तहत केदारनाथ बचाओ नारे के साथ 24 जुलाई को हरिद्वार से शुरू होने वाली पदयात्रा केदारनाथ पहुंचकर संपन्न होगी। मंगलवार को पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने इसकी घोषणा की है।

सरकार का लेना-देना नहीं

जिसे लेकर रौतेला ने कहा कि मंदिर को बनाने में उत्तराखंड सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का किसी भ तरह का कोई सहयोग नहीं लिया गया। वहीं कुछ लोग इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं। इसके साथी ही केदारनाथ धाम से दिल्ली शिला ले जाने की बिल्कुल गलत है।

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तीर्थपुरोहितों का धरना समाप्त

दिल्ली में केदारनाथ के प्रतीकात्मक मंदिर के निर्माण को लेकर चल रहा तीर्थपुरोहितों काधाम धरना सोमवार देर रात मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद समाप्त हुआ। बताया जा रहा है कि केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी की मुख्यमंत्री से फोन पर इस मसले को लेकर बातचीत हुई। तिवारी ने दावा किया कि दिल्ली में बन रहे मंदिर में केदारनाथ का नाम और स्वरूप उपयोग नहीं होगा। जिसे लेकर धामी बोले कि केदारनाथ धाम कहीं और नहीं हो सकता है।

केदारनाथ धाम एक ही है

मंगलवार को हरेला पर्व पर मालदेवता में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों की ओर से पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम पर कुछ लोग बेवजह राजनीति कर रहे हैं। केदारनाथ धाम है और यह धाम कहीं और नहीं हो सकता है, मंदिर तो बनते रहते हैं। कुछ लोग धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम कर रहे हैं। लेकिन, उनके इरादों सफल नहीं होने दिए जाएंगे।

नाम नहीं धाम से विवाद

दिल्ली के IP एक्सटेंशन में मौजूद विनोद नगर में पहले से ही बदरीनाथ मंदिर भी मौजूद है। विनोद नगर के कुमाऊं स्क्वायर और आसपास के अन्य इलाकों में रहने वाले उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल अंचल के लोगों की बदरीनाथ मंदिर में बड़ी आस्था है।

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Maahi Yashodhar author

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