AIR Pollution in Delhi: सुकून वाली दिवाली! 8 साल बाद राजधानी दिल्ली में बेहतर AQI दर्ज

AIR Pollution in Delhi-राजधानी दिल्ली के लिए दिवाली का दिन पिछले 8 साल बाद सुकून भरा रहा। सुबह साफ आसमान और खिली धूप के बाद शाम को वायु गुणवत्ता 218 रहा, जो बीते कम से कम तीन सप्ताह में सबसे अच्छा है।

े्

ि

तस्वीर साभार : भाषा
नई दिल्ली: दिवाली की खुशियां दोगुना करने में हवा ने भी साथ निभाया। रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में हवा ने पिछले आठ साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। ये आठ सालों में पहला मौका है, जब दिवाली पर हवा की गुणवत्ता सबसे बेहतर दर्ज की गई है। हालांकि, पटाखे जलाने और रात में तापमान कम रहने से प्रदूषण के स्तर में वृद्धि हो सकती है। दिल्ली वासियों की सुबह साफ आसमान और खिली धूप के साथ हुई और शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम चार बजे 218 रहा, जो बीते कम से कम तीन सप्ताह में सबसे अच्छा है।

एक्यूआई के पैमाने

जैसा कि एक्यूआई शून्य से 50 के बीच 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 450 के बीच 'गंभीर' माना जाता है। एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर इसे 'अति गंभीर' श्रेणी में माना जाता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पिछले साल दिवाली पर एक्यूआई 312, 2021 में 382, 2020 में 414, 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 दर्ज किया गया था।

बारिश बनी वरदान

शनिवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 220 था, जो पिछले आठ वर्षों में दिवाली से एक दिन पहले सबसे कम रहा था। इस बार दिवाली से ठीक पहले दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में तेजी से सुधार हुआ। इसकी सबसे बड़ी वजह शुक्रवार को रुक-रुक हुई बारिश और प्रदूषकों को उड़ा ले जाने के लिहाज से हवा की अनुकूल गति का होना है। बृहस्पतिवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 437 था। शहर में 28 अक्टूबर से दो सप्ताह तक हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ से ‘गंभीर’ तक रही और इस अवधि के दौरान राजधानी में दमघोंटू धुंध छाई रही।

धुंआ हुआ कम

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पहले ही पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण हल्की बारिश सहित अनुकूल मौसमी दशाओं के कारण दिवाली से ठीक पहले हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार होने का पूर्वानुमान किया था। पश्चिमी विक्षोभ के कारण पंजाब और हरियाणा सहित उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में बारिश हुई, जिससे दिल्ली के वायु प्रदूषण में पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से निकलने वाले धुएं का योगदान कम हो गया।

प्रदूषक तत्व मिटे

आईएमडी के एक अधिकारी ने पूर्व में बताया था कि पश्चिमी विक्षोभ गुजर जाने पर 11 नवंबर (शनिवार) को हवा की गति लगभग 15 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ जाएगी, जिससे दिवाली (12 नवंबर) से पहले प्रदूषक तत्वों का छितराव होने में मदद मिलेगी। पिछले तीन वर्षों के रुझान के देखते हुए दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी के भीतर पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर व्यापक प्रतिबंध की घोषणा की है।

पटाखे जलाने की छिटपुट घटनाएं

शनिवार रात और रविवार शाम राष्ट्रीय राजधानी में पटाखे जलाने की छिटपुट घटनाएं सामने आईं। कम तापमान और पटाखे जलाने से रविवार रात दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है। दिल्ली में हवा में मौजूद सूक्ष्म कणों के प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने वाले ‘डिसीजन सपोर्ट सिस्टम’ के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को 23 प्रतिशत प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने से निकला धुआं जिम्मेदार था। शहर में प्रदूषण के स्तर में पराली जलाने की घटनाओं का योगदान गुरुवार को 33 प्रतिशत, जबकि शुक्रवार को 10 प्रतिशत था। आंकड़ों में परिवहन को भी वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण बताया गया है, जो दिल्ली की खराब होती वायु गुणवत्ता में 12 से 14 प्रतिशत का योगदान दे रहा है।

ऑड-इवेन पर रोक

नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के प्रमुख वैज्ञानिक विनय कुमार सहगल ने अनुमान जताया कि बारिश के बाद नमी की स्थिति के कारण दिवाली के आसपास पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आएगी। वहीं, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने सम-विषम कार योजना फिलहाल स्थगित कर दी है क्योंकि वर्षा के कारण शहर की वायु गुणवत्ता बहुत सुधर गई है। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता की समीक्षा करेगी और यदि प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ जाता है तो सम-विषम योजना पर निर्णय लिया जा सकता है। राय ने पहले कहा था कि उच्चतम न्यायालय द्वारा सम-विषम कार योजना की प्रभावशीलता की समीक्षा करने और उसके आदेश जारी करने के बाद शहर में यह योजना लागू की जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी

वहीं, मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की ऑड-इवेन योजना की प्रभावशीलता पर सवाल उठाया था और इसे दिखावा बताया था। चिकित्सकों ने कहा है कि दिल्ली की प्रदूषित हवा में सांस लेना प्रतिदिन 10 सिगरेट पीने के हानिकारक दुष्प्रभाव के बराबर है। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए केंद्र सरकार की ‘क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना’ (ग्रैप) के अंतिम चरण के तहत जरूरी सभी सख्त पाबंदियों को भी राष्ट्रीय राजधानी में लागू किया गया है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के विश्लेषण के अनुसार, शहर में एक से 15 नवंबर तक प्रदूषण का स्तर चरम पर होता है, क्योंकि इस समय पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने की घटनाएं बढ़ जाती हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | दिल्ली (cities News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited