Air Pollution in Delhi NCR: दम घोटू हुई राजधानी की हवा, 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान' शुरू
Air Pollution in Delhi NCR-राजधानी दिल्ली-एनसीआर में वायु की गुणवत्ता बेहद ही खराब स्थिति में पहुंच गई है। ऐसे में केजरीवाल सरकार ने प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए गुरुवार से 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान' आईटीओ चौराहे से शुरू कर रही है।
दिल्ली में 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान' शुरू
Air Pollution in Delhi NCR-दिल्ली-एनसीआर की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है। गुरुवार की सुबह कुछ इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 250 के पार पहुंच गया। राजधानी में पिछले हफ्ते कुछ दिनों से हवा की गुणवत्ता बेहद खराब होने के कारण केजरीवाल सरकार भी परेशान है। सरकार ने राजधानी के लोगों को प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान' आज से आईटीओ चौराहे से शुरू कर रही है। इस बार अभियान को जनता की भागीदारी से चलाने का प्रयास है। आपको बता दें कि 28 अक्टूबर को बाराखंभा, 30 अक्तूबर को चंदगीराम अखाड़ा चौराहा और दो नवंबर को सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में इस अभियान को धार दी जाएगी।
दिल्ली का AQI खराब श्रेणी में दिल्ली में गुरुवार पीएम 2.5 - 256 दर्ज किया गया है। वहीं, नोएडा में भी वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में है, जो पीएम 2.5- 269 दर्ज किया गया है। इसके अलावा गुरुग्राम में वायु के गुणवत्ता सामान्य नजर आ रही है। सफर एप के मुताबिक, अभी AQI 176 है, जो सामान्य श्रेणी में आता है। अब ऐसे में सबसे ज्यादा प्रभावित दिल्ली-एनसीआर हैं। लिहाजा, सरकार के सामने इससे निपटने की बड़ी चुनौती है। यही कारण है कि एक बार फिर केजरीवाल सरकार 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान' चलाने का प्लान बनाया है।
आईटीओ चौराहे से अभियान की शुरुआतदिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि इस बार आईटीओ चौराहे से अभियान की शुरुआत होगी। तीन नवंबर को 2000 इको क्लबों के माध्यम से स्कूलों में बच्चों के बीच जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। साल 2020 में रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान को शुरू किया गया था, जिसके बेहतर परिणाम सामने आए थे। दरअसल, इसका आधार देश के अलग-अलग हिस्से में किए गए अध्ययन के हिसाब से तैयार किया गया है। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत औद्योगिक अनुसंधान परिषद व केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने साल 2019 में व्यापक तौर पर अध्ययन किया था। इसके मुताबिक, रेडलाइट पर गाड़ियों के इंजन बंद न होने से करीब नौ प्रतिशत अधिक प्रदूषण फैलता है।
15 सूत्री कार्यक्रम
गोपाल राय ने मुताबिक, सुबह लोग गाड़ी लेकर निकलते हैं तो शाम को घर पहुंचने तक औसतन 10 से 12 रेडलाइट से गुजरते हैं। रेड लाइट के दौरान वे इन चौराहों पर गाड़ी का इंजन चालू रखते हैं। इससे 25 से 30 मिनट बेकार में ही पेट्रोल-डीजल जलता है। लिहाजा, अभियान का उद्देश्य यही है कि इस आदत में बदलाव लाया जाए, ताकि लोग वाहनों के इंजन को रेडलाइट पर बंद कर दें। सर्दियों में राजधानी में प्रदूषण की स्थिति बेहद चिंताजनक हो जाती है। ऐसे में 'आप' सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए 15 सूत्री कार्यक्रम बनाकर प्रदूषण को हराने का प्रयास कर रही है।
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Pushpendra kumar author
पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्ष...और देखें
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