पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी बीजेपी में शामिल
Anil Antony Joins BJP: कांग्रेस नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी बीजेपी में शामिल हो गए हैं। अनिल एंटनी ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और वी मुरलीधरन की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। बता दें कि अनिल एंटनी ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री मामले में कांग्रेस के रुख पर सवाल खड़े किए थे।
केंद्रीय मंत्री व राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल, केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ, राज्यसभा सदस्य व भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अनिल बलूनी की मौजूदगी में अनिल एंटनी ने यहां भाजपा मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। अनिल ने इसी साल जनवरी महीने में कांग्रेस पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था।
उन्होंने गुजरात में 2002 में हुए दंगों पर आधारित ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (BBC) के वृत्तचित्र को भारतीय संस्थानों के विचारों से अधिक महत्व दिए जाने को खतरनाक चलन बताते हुए कहा था कि इससे देश की संप्रभुता प्रभावित होगी। इस प्रतिक्रिया के बाद उन्हें कांग्रेस के भीतर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था। इसके बाद उन्होंने पार्टी में अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि ए के एंटनी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और वह केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर रह चुके हैं।
बीबीसी के रुख का किया था विरोध
अनिल एंटनी ने कहा था कि भारतीय संस्थानों पर ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर के विचारों को रखना सही नही है। इससे देश की संप्रभुता कमजोर होगी। उन्होंने कहा था- बीजेपी के साथ बड़े मतभेदों के बावजूद मुझे लगता है कि वे भारत में बीबीसी के विचारों को रखते हैं, एक राज्य प्रायोजित चैनल पूर्वाग्रहों के एक लंबे इतिहास के साथ हमारी संप्रभुता को कमजोर करेगा।
बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा था। लेकिन अनिल ने कांग्रेस के स्टैंड पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने विचार लिखे थे, जिसके बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने उनकी आलोचना की थी। इसके बाद अनिल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
केंद्र सरकार ने लगाई थी पाबंदी
जनवरी में केंद्र सरकार ने गुजरात दंगे से संबंधित बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को ब्लॉक कर दिया था। यू ट्यूब से कहा गया था कि वो इस डॉक्यूमेंटरी को तत्काल प्रभाव से अपने प्लेटफॉर्म से हटा ले। इसके साथ ही ट्विटर से भी कहा गया है कि इससे संबंधित पोस्ट को हटा। सरकार की तरफ से तर्क दिया गया कि इसकी वजह से देश की सार्वभौमिकता पर खतरा होने के साथ साथ कानून व्यवस्था भी खराब होगी।
डॉक्यूमेंटरी में तत्कालीन सीएम की भूमिका पर सवाल
बीबीसी द्वारा बनाई गई डॉक्यूमेंटरी में पीएम नरेंद्र मोदी की भूमिका का जिक्र किया गया था जब वह 2002 में गुजरात दंगों के समय सीएम के तौर पर राज्य की कमान संभाल रहे थे। डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया था कि उस भीषण दंगों में 1 हजार से अधिक लोगों की जान गई थी जिसमें ज्यादातर मुस्लिम समाज से थे। दंगे की पृष्ठभूमि को साबरमती ट्रेन कांड यानी गोधरा कांड को दिखाया गया जिसमें कथित तौर पर कुछ मुस्लिमों ने कारसेवकों से भरी बोगी को आग के हवाले कर दिया था।