एलजी वी के सक्सेना से तकरार के बीच बोले अरविंद केजरीवाल, 8 साल से CM सिर्फ 2 बार गया विदेश

शिक्षकों को फिनलैंड भेजने के मामले में दिल्ली सरकार और एलजी दफ्तर में विवाद जारी है। शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ नेता तो हर महीने विदेशी दौरा करते हैं। लेकिन पिछले आठ साल से वो सीएम हैं और मात्र दो दफा विदेश गये।

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दिल्ली सरकार के मुखिया अरविंद केजरीवाल (Arvind kejriwal on techers training) उन सरकारी स्कूलों के शिक्षक से मिले जिन्हें फिनलैंड भेजने का प्रस्ताव है हालांकि उस फाइल पर उपराज्यपाल वी के सक्सेना को ऐतराज है। एलजी दफ्तर ने एक बार फाइल लौटा दी तो दिल्ली सरकार की तरफ से अनुमति के दोबारा भेजी गई है। इन सबके बीच शिक्षकों की मीटिंग में सीएम केजरीवाल ने कहा कि आमतौर पर सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के बारे में धारणा रही है उन्हें ट्रेनिंग की आवश्यकता नहीं है। इससे पहले डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि पहसे सेमिनार हुआ करते थे लेकिन उससे किसी तरह का अनुभव नहीं होता था। इसी कड़ी में केजरीवाल ने कहा कि वो आठ साल से सीएम हैं और महज दो बार विदेश गए हैं।

सिर्फ दो बार गया विदेश

शिक्षकों को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि एलजी साहब कास्ट बेनेफिट एनालिसिस के बारे में पूछते हैं। लेकिन उन्हें लगता है कि शिक्षकों की ट्रेनिंग से बेहतर निवेश नहीं है। शिक्षकों को फिनलैंड भेजने में हम सक्षम हैं विदेशी दौरे के बारे में केजरीवाल ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में वो दो बार विदेश गए। पहली बार रोम गए जब मदर टेरेसा का निधन हुआ था। दूसरी बार दक्षिण कोरिया गए थे। उनका मकसद शिक्षकों को विदेश भेजने का है वो नहीं जाना चाहते। दूसरे नेता तो महीने के अंतराल पर विदेशी दौरा करते हैं। हम शिक्षकों को वैश्विक अनुभव कराना चाहते हैं। हमारे दिल्ली के स्कूल विदेशी स्कूलों से भी बेहतर हैं।

टेंट स्कूल अब बने टैलेंट स्कूल

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शिक्षकों को सरकार बेहतर अनुभव देना चाहती है। हाल के वर्षों में दिल्ली में सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने में सरकार का नहीं बल्कि शिक्षकों का हाथ है। यदि नेताओं ने नीतियों में हमेशा शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया होता, तो भारत बहुत पहले एक क्रांति देख चुका होता। 2015 से, बुनियादी ढांचे और काम के माहौल में सुधार हुआ है। टेंट स्कूल से टैलेंट स्कूल बन गए हैं। इन सबके कारण नतीजों में सुधार हुआ है। सरकारी स्कूलों में छात्र बिना कोचिंग के प्रवेश परीक्षा दे पा रहे हैं। यह सब शिक्षकों की वजह से हुआ है।

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ललित राय author

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