हाल ही में जेल से बाहर आए अरविंद केजरीवाल रविवार को यहां लगाएंगे जनता की अदालत

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल रविवार 22 सितंबर को जनता की अदालत लगाएंगे। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद केजरीवाल के अभी तक कोई बयान नहीं दिया है। कहा जा रहा है कि जनता की अदालत में वह जनता के प्रश्नों के उत्तर देंगे।

अरविंद केजरीवाल लगाएं जनता की अदालत

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) हाल ही में जेल से बाहर आए हैं। उन पर दिल्ली में नई शराब नीति (New Excise Policy) मामले में घोटाले (Liquor Scam) का आरोप है। जेल से बाहर आने के बाद अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, उनके जेल जाने के बाद से ही लगातार विपक्ष उनके इस्तीफे की मांग कर रहा था, लेकिन वह अपने पद पर बने रहे। उन्हें जमानत भी इसी शर्त पर मिली थी कि वह दफ्तर नहीं जाएंगे और किसी फाइल पर दस्तखत नहीं करेंगे। यही अरविंद केजरीवाल आगामी रविवार यानी 22 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक जनता की अदालत (Janta ki Adalat) लगाएंगे।

भ्रष्टाचार के आरोपों में कई महीनों तक जेल में रहकर लौटे अरविंद केजरीवाल ने जनता की अदालत लगाने का फैसला किया है। वरिष्ठ आम आदमी पार्टी नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने अरविंद केजरीवाल की जमकर तारीफ की। उनका कहना है कि अरविंद केजरीवाल ने भाजपा की साजिशों को विफल र दिया है। इसके साथ ही उन्होंने AAP के सभी पदाधिकारियों से पार्टी संयोजक यानी केजरीवाल जैसा बनने का आह्वान किया है।

केजरीवाल जीते तो देश का मान बढ़ेगागोपाल राय ने कहा, 'अरविंद केजरीवाल ने पिछले दो वर्षों में भाजपा की हर साजिश को नाकाम किया है और अब मुकाबला आमने-सामने का है। अगर अरविंद केजरीवाल को बड़े जनादेश के साथ फिर से मुख्यमंत्री बनाया जाएगा तो देश का सम्मान बढ़ेगा और साजिशकर्ताओं को ठेस पहुंचेगी। इसलिए पार्टी के पदाधिकारी को केजरीवाल जैसा बनना होगा। 22 सितंबर को जंतर-मंतर पर जनता की अदालत लगेगी, जिसे अरविंद केजरीवाल संबोधित करेंगे।'

AAP के कामों से डर में भाजपाबता दें कि अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार 17 सितंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और उन्होंने तब से अभी क कोई बयान नहीं दिया है। सूत्रों का कहना है कि जनता की अदालत के दौरान वह इस कार्यक्रम में मौजूद जनता के प्रश्नों का उत्तर देंगे। गोपाल राय का कहना है कि भाजपा दिल्ली में AAP के कामों से डरी हुई है, जिनके आधार पर पार्टी केंद्र में अपनी सरकार बना सकती है।

भाजपा की तिगड़में फेल हुईंगोपाल राय ने कहा, 'जब भाजपा की सभी तिगड़में फेल हो गईं, तो उसने अरविंद केजरीवाल को जेल में डाल दिया। क्योंकि जब तक केजरीवाल बाहर हैं, वह दिल्ली में हो रहे कामों को नहीं रोक सकते थे। केजरीवाल के जेल जाने के बाद भी दिल्ली में काम नहीं रुके। भाजपा ने केजरीवाल से इस्तीफा मांगा और कहा कि जेल से सरकार नहीं चला सकते।'

दिल्ली में भाजपा की चाल असफलउन्होंने कहा, भारत के इतिहास में पहली बार भाजपा ने एक चुने हुए मुख्यमंत्री को जेल में डाल दिया, तानाशाही का परिचय दिया। अरविंद केजरीवाल ने साबित किया कि जेल से भी सरकार चल सकती है। भाजपा को लगा कि जिस तरह से उसने अन्य राज्यों में अन्य पार्टियों की सरकारें तोड़कर अपनी बना लीं, ऐसा ही वह दिल्ली में भी कर लेंगे।

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