Delhi Pollution: दिल्ली में निर्माण, पुराने वाहनों, पेंटिंग, पॉलिशिंग, चिनाई पर प्रतिबंध; 20 हजार का जुर्माना

दिल्ली में कच्ची सड़कों पर निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही का कार्य, विध्वंस अपशिष्ट के ट्रांसपोर्टेशन कार्य आदि पर भी प्रतिबंध रहेगा। हालांकि, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और प्लंबिंग कार्यों के लिए छोटी वेल्डिंग गतिविधियों की अनुमति होगी।

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दिल्ली में प्रदूषण से हालत खराब

दिल्ली में वायु प्रदूषण कम करने के लिए ग्रेप-3 की पाबंदियां लगाई जा चुकी हैं। दिल्ली में प्राइवेट निर्माण एवं विध्वंस कार्यों पर रोक लगा दी गई है। साथ ही बीएस 3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल एलएमवी (4 पहिया वाहन) के संचालन पर प्रतिबंध लगाया गया है। प्रतिबंध को लागू कराने के लिए परिवहन विभाग की 84 टीम और ट्रैफिक पुलिस की 280 टीम लगाई गई हैं।

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दिल्ली में 20 हजार का जुर्माना

इन पाबंदियों का उल्लंघन करने पर 20,000 रुपया जुर्माना लगाया जा सकता है। दिल्ली सरकार का कहना है कि वह सख्ती से इन पाबंदियों को लागू करेगी। प्रदूषण कम करने के लिए दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए 106 शटल बस सेवा शुरू की गई है। मेट्रो 60 अतिरिक्त फेरे लगाएगी। निर्माण कार्यों पर रोक की निगरानी के लिए सम्बंधित विभाग की टीमें लगातार निरीक्षण करेगी। सड़कों की मशीनीकृत सफाई के समय को बढ़ाया गया है। सड़कों पर सफाई के लिए 65 एम आर एस मशीनें एमसीडी की तरफ से चलाई जा रही हैं। अब इनका समय बढ़ाकर 6 बजे सुबह से 4 बजे शाम तक कर दिया गया है।

प्राइवेट निर्माण तथा विध्वंस पर रोक

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को बताया कि सीएक्यूएम के आदेश के अनुसार दिल्ली में ग्रेप के तीसरे चरण की पाबंदियों को लागू करने का निर्णय लिया गया है। उसके क्रियान्वयन के लिए एक मजबूत मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार किया गया है। अगर इसका कोई उल्लंघन करता है तो 20,000 रुपया जुर्माना लगाया जाएगा। दिल्ली के अंदर प्राइवेट निर्माण तथा विध्वंस की गतिविधियों पर बैन लगाया जा रहा है।

प्रदूषण कम करने के लिए क्या-क्या उपाय

उन्होंने कहा कि 200 मोबाइल एंटी स्मॉग गन, जो दिल्ली को सड़कों पर छिड़काव कर रही हैं, वे अब तीन शिफ्ट में चल रही हैं। इसकी मॉनिटरिंग के लिए वॉर रूम में नोडल अधिकारी बनाया गया है। प्राइवेट निर्माण तथा विध्वंस के कार्य पर प्रतिबंध रहेगा, साथ ही बोरिंग और ड्रिलिंग कार्यों सहित खुदाई और भराई के लिए मिट्टी का काम, पाइलिंग कार्य, ट्रेंच सिस्टम द्वारा सीवर लाइन, पानी की लाइन, ड्रेनेज और इलेक्ट्रिक केबलिंग आदि बिछाने का कार्य, ईंट चिनाई का काम, आरएमसी बैचिंग प्लांट का संचालन, प्रमुख वेल्डिंग और गैस-कटिंग कार्य प्रतिबंधित कर दिए गए हैं।

इन कार्यों पर प्रतिबंध

इनके अलावा पेंटिंग, पॉलिशिंग और वार्निशिंग कार्य, सीमेंट, प्लास्टर अन्य कोटिंग्स का कार्य, पत्थरों और अन्य फर्श सामग्री को काटना, पीसना और लगाने का कार्य, वाटर प्रूफिंग कार्य (रासायनिक वाटर प्रूफिंग को छोड़कर), प्राइवेट सड़क निर्माण की भी अनुमति नहीं है। किसी परियोजना स्थल के अंदर-बाहर कहीं भी सीमेंट, फ्लाई-ऐश, ईंट, रेत, मोरम, कंकड़, तोड़ा हुआ पत्थर आदि जैसी धूल पैदा करने वाली सामग्रियों का स्थानांतरण, लोडिंग या अनलोडिंग का कार्य करना भी प्रतिबंधित है। कच्ची सड़कों पर निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही का कार्य, विध्वंस अपशिष्ट के ट्रांसपोर्टेशन कार्य आदि पर भी प्रतिबंध रहेगा। हालांकि, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और प्लंबिंग कार्यों के लिए छोटी वेल्डिंग गतिविधियों की अनुमति होगी। इसके साथ ही मामूली इनडोर मरम्मत व रखरखाव कार्यों को करने की अनुमति है। बीएस-3 और इससे नीचे के डीजल एल सी वी मीडियम गुड्स करियर जो दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड हैं, उन्हें दिल्ली में नहीं आने दिया जाएगा। जरूरी सामान और सेवा से जुड़े वाहनों को इसमें छूट है। एनसीआर से आने वाली इंटरस्टेट बसों में सिर्फ इलेक्ट्रिक बसों, सीएनजी बसों और बीएस-6 डीजल बसों को आने की छूट दी गई है। साथ ही ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाली बसों, टेम्पो ट्रैवलर को भी छूट दी गई है। प्रतिबंध को लागू कराने के लिए परिवहन विभाग के 84 टीम और ट्रैफिक पुलिस की 280 टीम लगाई गई है।

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शिशुपाल कुमार author

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