Best Places to Visit Near Delhi: घूमने के शौकीन हैं तो आएं मेरठ, मन मोह लेगा गांधारी का तालाब और मिसेज चैंबर्स का बंगला

Best Places to Visit Near Delhi: दिल्‍ली से करीब 100 किलीमीटर दूर स्थित मेरठ अपने अंदर धर्म और इतिहास को समेटे हुए है। इसी शहर से सन् 1857 की क्रांति का जन्‍म हुआ था। यहां पर आपको परिवार व दोस्‍तों के साथ सैर सपाटे के लिए बहुत सारी जगह मिल जाएंगी। आइए आपको 5 ऐसी खास जगहों की जानकारी देते हैं।

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ऐतिहासिक नगरी हस्तिनापुर में स्थित अष्टपद

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • मेरठ में मौजूद हैं धार्मिक और ऐतिहासिक टूरिस्‍ट प्‍लेस
  • हस्तिनापुर ऐतिहासिक होने के साथ जैन धर्म का प्रमुख शहर
  • मिसेज चैंबर्स के बंगले में आपको दिखेंगे 200 साल पुराने वृक्ष

Best Places to Visit Near Delhi: राजधानी दिल्‍ली देश के इतिहास को समेटे हुए है। अगर आप दिल्‍ली या आसपास के क्षेत्र में रहते हैं और आपको इतिहास से प्‍यार है तो आप दिल्‍ली के एतिहासिक और टूरिस्‍ट प्‍लेस को अब तक जरूर घूम लिया होगा। इसलिए आज हम आपको दिल्‍ली से सटे एक ऐसे शहर के टूरिस्‍ट प्‍लेस के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर 1857 की क्रांति का जन्‍म हुआ। हम बात कर रहे हैं, दिल्‍ली से करीब 100 किलीमीटर दूर स्थित मेरठ की। यह शहर सरकारी पर्यटन के नक्शे पर भले ही न हो, लेकिन यहां पर आपको परिवार व दोस्‍तों के साथ सैर सपाटे के लिए बहुत सारी जगह मिल जाएंगी। यह शहर धार्मिक, एतिहासिक और शौर्य व वीरता की गाथा कहने वाले स्थलों से भरा पड़ा है। आइए आपको 5 ऐसी खास जगहों की जानकारी देते हैं।

ऐतिहासिक नगरी हस्तिनापुरमेरठ के पास स्थित हस्तिनापुर ऐतिहासिक और जैन धर्म के लिए बेहद खास शहर है। यहां आदि तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव का पारणा स्थल मौजूद है। धार्मिक मान्‍यता के अनुसार, तीर्थकरों में शांतिनाथ, कुन्थुनाथ व अरहनाथ का जन्म, दीक्षा व कैवल्य ज्ञान हस्तिनापुर में ही हुआ था। यहां पर आपको उल्टा खेड़ा नाम से मशहूर विदुर का टीला भी देखने को मिल जाएगा। इसमें मृदभाण्ड के अलावा मुगलकाल के अवशेष आज भी मिलते हैं। यहां पर आप जैन मंदिर, द्रोपदेश्वर मंदिर, प्राचीन पांडेश्वर मंदिर और कर्ण मंदिर देख सकते हैं।

यहां पर दिखेंगे 200 साल पुराने वृक्षअगर आपको नेचर से प्‍यार है तो आप ब्रिटिश कालीन कंपनी बाग स्थित मिसेज चैंबर्स का बंगला आ सकते हैं। इसे अब गांधी बाग के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर आपको सैकड़ों तरह के हर्बल पौधों के अलावा 100 से 200 वर्ष पुराने कई वृक्ष आज भी यथावत खड़े हैं। यहीं से कुछ दूरी पर आपको परीक्षितगढ़ का गांधारी तालाब, केसरगंज की पुरानी जेल, अबू का मकबरा और सूरजकुंड पार्क भी देखने को मिल जाएगा।

बाबा औघड़नाथ मंदिर, मेरठयह मंदिर धार्मिक होने के साथ एतिहासिक भी है। कैंट में स्थित बाबा औघड़नाथ मंदिर 1857 की क्रांति का गवाह है। इसे कालीपलटन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इतिहास के अनुसार, 1857 की लड़ाई की नींव इसी मंदिर से पड़ी थी। इस मंदिर के पुजारियों ने ही पैदल सैनिकों को विवादित कारतूसों का प्रयोग न करने के लिए भड़काया था, जिसके बाद क्रांति शुरू हुई। मंदिर में एक शहीद स्तंभ भी बना है, जहां प्रतिवर्ष 10 मई शहीद दिवस को श्रृद्धांजलि सभा होती है। सावन महीने में लाखों भक्‍त यहां कांवड़ लेकर आते हैं।

प्राचीन विल्ववेश्वर मंदिर, मेरठकैंट सदर में स्थित प्राचीन विल्ववेश्वर मंदिर का निर्माण मराठा शासकों ने किया था। इस मंदिर की मेरठ के अलावा आसपास के क्षेत्रों में भी बहुत मान्‍यता है। मंदिर में स्‍थापित पुराने शिवलिंग और मंदिर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित किया गया है। मंदिर के पास ही एक संस्कृत महाविद्यालय है। जिसकी स्थापना 1820-21 में हुई थी।

मेरठ में ये भी घूमने के लिए प्रमुखअगर आप मेरठ शहर घूमने आएं तो यहां के विक्टोरिया पार्क, कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा बनवाई गई शाही ईदगाह, मां चंडी देवी मंदिर, बाले मियां की मजार, खैरनगर दरवाजा, तीर्थंकार शांतिनाथ मंदिर तीरगरान, जेम्स व्हाइट का स्मारक, उत्तर भारत का सबसे पुराना सेंट जोंस चर्च को देखना भी न भूलें।

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